MP Seat Analysis Khurai Vidhan Sabha: विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) से ठीक पहले मध्य प्रदेश बुंदेलखंड में भी सियासी पारा चढ़ा हुआ है. ये जिला 2 मंत्रियों के कारण VVIP जिला है. आइये समझते हैं सागर जिले (Sagar News) की खुरई विधानसभा सीट (Khurai Constituency) का सियासी समीकरण जहां से अभी कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) विधायक हैं.
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Khurai Vidhan Sabha Seat Analysis: अब मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) अगले महीने के अंत से होने जा रहे हैं. तारिखों का ऐलान हो इससे पहले सियासी जलों में पूरा जोर लगाना शुरू कर दिया है. बुंदेलखंड में भी सियासी पारा चढ़ गया है. आइये ऐसा में समझते हैं सागर जिले (Sagar News) की खुरई विधानसभा सीट (Khurai Constituency) के समीकरण जो 1990 के बाद से केवल एक ब्रेक में BJP का गढ़ बनी हुई है. यहां से फिलहाल कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) विधायक हैं. इस सीट की खास बात ये की यहां चुनावों में प्रत्याशियों की वन-टू-वन फाइट देखने को मिलती है.
BJP का सिंगल ब्रेक किला
खुरई विधानसभा सीट (Khurai Constituency) से 1990 से लगातार बीजेपी जीतती आ रही है. हालांकि, 2008 में एक बार कांग्रेस ने भाजपा के वोट में सेंध मारकर जीत हासिल कर ली थी. इसी कारण इसे बीजेपी को सिंगल ब्रेक किला भी कहा जाता है. इस VVIP सीट से कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) चुनाव लड़ते आए हैं. केवल एक हार के बाद वो लगातार यहां से जीत रहे हैं.
कब कौन जीता
बीजेपी के भूपेंद्र सिंह ने यहां से विधानसभा चुनाव 2018, 2013 में जीत हासिल की
कांग्रेस के अरुणोदय चौबे ने यहां से साल 2008 में भूपेंद्र सिंह के सामने जीत हासिल की
बीजेपी के धर्मू राय ने यहां से विधानसभा चुनाव 2003, 1998, 1993 में जीत हासिल की
कैसे थे 2018 के परिणाम
विधानसभा चुनाव 2018 के परिणाम की बात करें तो यहां से भूपेंद्र भैया (बीजेपी) ने 78156 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को अरुणोदय चौबे अन्नू भैया (कांग्रेस) को1 0% वोटों के अंतर से हराया था. आयोग की ओर से जारी साल 2018 के आंकड़ों की बात करें तो इस सीट पर 1,92,861 वोटर थे. हालांकि, 1,53,490 वोट पड़े यानी मतदान 79.6 % हुआ था.
जातिगत समीकरण क्या हैं?
खुरई विधानसभा सीट (Khurai Constituency) में जातिगत आंकड़ों की बात करें तो यहां मुख्यरूप से ठाकुरवाद हावी रहता है. इलाके में पटेल समाज की अच्छी खासी जनसंख्या है. जो चुनाव में खासा असर डालते हैं. इसके अलावा यहां जैन, यादव, दांगी के साथ ही एससी वर्ग के मतदाता जीत हार का फैसला करते हैं.