Ratlam News: पुजारी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने देश के पुजारियों की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि 24 घंटे सेवा करने वाले पुजारियों को केवल 5,000 मिलते हैं. जबकि चपरासी को ही 25 हजार मिलते हैं. सिख, ईसाई, मुस्लिम धर्मस्थल सरकार से मुक्त है फिर हिन्दू धार्मिक स्थल सरकार से मु्क्त क्यों नहीं है.
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चंद्रशेखर सोलंकी/रतलाम: साल के अंत में मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव (Madhya Pradesh Vidhansabha Chunav) होने वाले हैं और चुनावी साल के चलते हर वर्ग अपनी-अपनी समस्याओं के समाधान और मांग को लेकर सरकारे से गुहार लगा रहा है. ऐसे में पुजारी संघ भी इस चुनावी साल में सरकार से अपनी मांगों को रख रहा है. बता दें कि सोमवार को पुजारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश शर्मा के साथ रतलाम जिला पुजारी संगठन के पदाधिकारियों की बैठक हुई. जिसमें मंदिरों की भूमि पर कार्य करने के लिए केसीसी, पुजारियों के मानदेय में वृद्धि सहित अन्य कई मुद्दों पर चर्चा हुई.
रतलाम पहुंचे पुजारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष
बता दें कि पुजारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष (Priest organization national president) महेश शर्मा सोमवार को रतलाम पहुंचे और रतलाम जिला पुजारी संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में स्थानीय मंदिरों में आने वाली समस्या और पुजारियों की मांग को लेकर चर्चा की गई.
मीडिया से बात करते हुए पुजारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश शर्मा ने बताया कि देश में मुस्लिम,सिख,ईसाई समुदाय के धार्मिक स्थल सरकार से मुक्त हैं, तो केवल हिंदू समुदाय के धार्मिक स्थलों का ही सरकारीकरण क्यों किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मंदिरों को भी मुक्त किया जाए.
मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखेंगे:पुजारी संघ राष्ट्रीय अध्यक्ष
इसके अलावा पुजारियों के मानदेय को लेकर महेश शर्मा ने कहा कि एक चपरासी की तनख्वाह 25 हजार होती है. ऐसे में 24 घण्टे मंदिरों में सेवा देने वाले पुजारी को केवल 2-5 हजार ही मिलते हैं. मंदिरों की ज़मीन पर कार्य करने के लिए केसीसी और अन्य सुविधाएं प्रशासन की ओर से पुजारियों को मिलना चाहिए. पुजारी संघ राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी हम आंदोलन करते रहेंगे.