सब्जी बेचने वाला बना सेना में अग्निवीर, मुश्किलों के बीच लिखी सफलता की कहानी...
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1549766

सब्जी बेचने वाला बना सेना में अग्निवीर, मुश्किलों के बीच लिखी सफलता की कहानी...

''मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है'' इस पंक्ति को सच कर दिखाया है, रायसेन के रवि कुशवाहा ने. दरअसल देश की पहली अग्निवीर भर्ती लिखित परीक्षा के जनरल ड्यूटी, तकनीकी और ट्रेडमैन के परिणाम आ गए हैं.

सब्जी बेचने वाला बना सेना में अग्निवीर, मुश्किलों के बीच लिखी सफलता की कहानी...

राज किशोर सोनी/रायसेन: ''मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है'' इस पंक्ति को सच कर दिखाया है, रायसेन के रवि कुशवाहा ने. दरअसल देश की पहली अग्निवीर भर्ती लिखित परीक्षा के जनरल ड्यूटी, तकनीकी और ट्रेडमैन के परिणाम आ गए हैं. रायसेन जिले से रवि कुशवाहा ने चयन सूची में 23वां नंबर प्राप्त किया है. सब्जी के बगीचे में अपने परिवार के साथ जीवन यापन करने वाले रवि के मन में देश सेवा की ललक थी. जिसे अग्निवीर योजना ने पूरा किया है. ग्रेजुएट तक शिक्षित रवि कुशवाहा अग्निवीर के लिए रोज 5 से 6 घंटे तक फिजिकल मेहनत की थी. 

गौरतलब है कि सेना भर्ती कार्यालय ने जनरल ड्यूटी, तकनीकी और ट्रेडमैन की लिखित परीक्षा आयोजित कराई थी. 3 ईएमई सेंटर बैरागढ़ पर 15 जनवरी को परीक्षा में 9 जिलों के अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इसमें भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन, बैतूल, छिंदवाड़ा, हरदा, नर्मदापुरम और राजगढ़ के अभ्यर्थी शामिल हुए थे. परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों को 1 फरवरी को सेना भर्ती कार्यालय में अपने ओरिजनल दस्तावेज लेकर उपस्थित होने को कहा गया है. 

Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा के समापन में शामिल होंगे सीएम भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ के ये बड़े नेता भी पहुंचे

गरीब परिवार से रवि
बता दें कि रवि कुशवाह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. रवि खुद सब्जी विक्रेता हैं. घर का भार मां-बाप के काम में मदद करना यह सब साथ में होने के बाद भी रवि ने पढ़ाई और फिजिकल मेहनत करना नहीं छोड़ा. हालांकि उसने इन सब को हावी नहीं होने दिया और अंततः रवि की मेहनत को मुकाम मिल ही गया.

जानिए क्या कहा रवि ने
रवि ने ज़ी मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें देश सेवा के लिए जाना था. वो करीब 4-5 साल से सेना में जाने की तैयारी कर रहे थे. मैं कई बार आर्मी की तैयारी में रिजेक्ट हुआ हूं. रवि ने कहा कि मेरे मां-बाप ने मेरी काफी मदद की है. मैं सब्जी की दुकान लगाकर पढ़ाई और आर्मी की तैयारी करता था. मुझे काफी गर्व महसूस हो रहा है कि मेरा सिलेक्शन हुआ है. अग्निवीर योजना काफी अच्छी और महत्वकांशी योजना है. मैं इसके लिए पीएम मोदी को भी धन्यवाद करना चाहता हूं.

एमपी से 304 अभ्यर्थी पास
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के 9 जिलो में ये अग्निवीर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था. जिसमें भोपाल, बैतूल, रायसेन, नर्मदापुरम, सीहोर, विदिशा, छिंदवाड़ा, हरदा, राजगढ़, शामिल थे. इस परीक्षा में कुल 304 अभ्यर्थी पास हुए है. जिसमें 16 अग्निवीर क्लर्क, 160 अग्निवीर जनरल ड्यूटी, 68 अग्निवीर तकनीकी, 49 अग्निवीर ट्रेडमैन दसवीं, 11 अग्निवीर ट्रेडमैन आठवीं के अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास कर ली है. अब पास हुए अभ्यर्थियों को 1 फरवरी को भोपाल में अपनी सर्टिफिकेट जमा करवाना है. 

Trending news