Rajgarh: गौशाला के संचालक गौशाला में ताला लगाकर चले गए. इसी दौरान भारी बारिश की वजह बाढ़ आई तो करीब 30 गायें बह गईं. इनके शव तीन दिन झाड़ियों में लटके और नदी-नालों में बहते नजर आए.
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अनिल नागर/राजगढ़: आसमान से बरसे कहर के बाद अब जो तस्वीरें निकल कर आ रही हैं वह पीड़ादायक हैं. राजगढ़ जिले में आई बाढ़ ने तबाही मचाई थी. राजगढ़ जिले के निंद्रा खेड़ी गांव की प्रीतम गौशाला में 30 से अधिक गाय बाढ़ में बह गईं थी. 3 दिन बाद जब बाढ़ का पानी खत्म हुआ तो नदी-नालों और झाड़ियों में गायों के शव मिले.
गौशाला में प्रीतम महाराज हैं संचालक
दरअसल, प्रीतम महाराज के द्वारा गौशाला का संचालन किया जा रहा था. सोमवार को आई बाढ़ का पानी गौशाला में भर गया था. इसमें गौशाला की 30 से अधिक गाय बह गईं. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी लगी तो गौशाला के आसपास देखा तो नदी-नालों और झाड़ियों में गायों के शव लटके मिले.
जेसीबी की मदद से गड्ढा खोदकर शवों को दफनाया
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को मामले की जानकारी दी. गौशाला के आसपास के एरिया में गायों की तलाश की गई तो 30 से अधिक गायों के शव मिले जिनको जेसीबी की मदद से गड्ढा खोदकर शवों को दफना दिया गया.
गौशाला संचालक पर केस दर्ज
गौशाला संचालक गौशाला का मेन गेट का ताला जड़कर चला गया था जिसके चलते बाढ़ के दौरान गोवंश गौशाला से बाहर भी नहीं निकल पाए. इस वजह से गोवंश बाढ़ में बह गए. गौशाला संचालक पर तलेन थाने में मामला भी दर्ज किया गया है.
बता दें कि इलाके में तेज बारिश हो रही थी जिसकी वजह से गौशाला संचालक और कर्मचारी गौशाला का ताला लगाकर चले गए थे. इस वजह से बाढ़ का पानी गौशाला में घुसा तो देखते ही देखते वह पानी में डूब गईं. 3 दिन बाद थाना प्रभारी, नायब तहसीलदार और नगर पालिका सीएमओ को सूचना मिली कि गौशाला से कुछ दूरी पर ही गायों के शव पड़े हुए हैं. इसके बाद पुलिस ने गायों का पोस्टमार्टम कराया और फिर जेसीबी की मदद से गड्ढे खोदकर उनमें दफना दिया.
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