अमरनाथ यात्रा जम्मू के भगवती नगर स्थित आधार शिविर से होती है. पारंपरिक मार्ग में श्रद्धालु श्रीनगर से 96 किलोमीटर दूर स्थित पहलगाम बेस कैंप पहुंचते हैं. इसके बाद पहलगाम से 16 किलोमीटर दूर चंदनबाड़ी आता है.
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नई दिल्लीः कोरोना महामारी के 2 साल बाद आगामी 30 जून को अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है. ऐसे में अगर आप भी अमरनाथ यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे हैं तो पहले सरकार के निर्देशों के बारे में जान लें. दरअसल सरकार ने निर्देश दिया है कि अमरनाथ यात्रा 2022 पर आने वाले यात्रियों को आधार कार्ड या फिर कोई अन्य बायोमीट्रिक पहचान पत्र लाना अनिवार्य होगा. जम्मू कश्मीर और लद्दाख सरकार ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. 30 जून से शुरू होकर अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त तक चलेगी.
बता दें कि अमरनाथ यात्रा की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. अमरनाथ यात्रा के दौरान इस साल ऐसी व्यवस्थाएँ की गई हैं कि लोग सुखद अहसास लेकर अपने घर जाएं. जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर से लेकर आधार शिविर तक शिव भक्तों के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है. वहीं आजीविका की आस में घोड़े वाले, पिट्ठू वाले और पालकी वाले भी उत्साहित हैं.
बता दें कि अमरनाथ यात्रा जम्मू के भगवती नगर स्थित आधार शिविर से होती है. पारंपरिक मार्ग में श्रद्धालु श्रीनगर से 96 किलोमीटर दूर स्थित पहलगाम बेस कैंप पहुंचते हैं. इसके बाद पहलगाम से 16 किलोमीटर दूर चंदनबाड़ी आता है. इसके बाद श्रद्धालु पिस्सू टॉप होते हुए शेषनाग पहुंचते हैं. यहां से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंचतरणी और फिर 6 किलोमीटर दूर बाबा की पवित्र गुफा तक श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस रास्ते से बाबा की गुफा तक पहुंचने में श्रद्धालुओं को तीन रातें रास्ते में बितानी पड़ती हैं.
दूसरा रास्ता जम्मू बालटाल का है. बालटाल से पवित्र गुफा की दूरी करीब 14 किलोमीटर है. हालांकि मौसम खराब होने और बारिश के चलते बालटाल वाले रास्ते पर यात्रा रोकनी पड़ती है. बता दें कि आखिरी बार साल 2019 में 3.40 लाख श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर पहुंचे थे. इससे पहले साल 2011 में रिकॉर्ड 6.36 लाख श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर गए थे. इस साल भी भारी मात्रा में श्रद्धालुओं के अमरनाथ जाने की उम्मीद की जा रही है.