धार की भोजशाला में ASI सर्वे को 1 महीने पूरे हो चुके हैं. अब ASI टीम को 29 अप्रैल को अपनी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करनी है. वहीं आज सर्वे का 32वां दिन है. जिसके लिए सर्वे टीम के 27 अधिकारी और 32 मजदूर भोजशाला पहुंच गए है.
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Dhar Bhojshala ASI Survey: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के आदेश के बाद धार की भोजशाला में चल रहे आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के सर्वे को पूरे एक महीने हो गए है. आज सर्वे का 32वां दिन है. जिसके लिए सर्वे टीम के 27 अधिकारी और 32 मजदूर भोजशाला पहुंच गए है. वहीं सर्वे टीम के साथ शनिवार को तीन भाषा विशेषज्ञ भी जुड़े है. जो भोजशाला में मौजूद शिलालेखों को पढ़ेंगे.
बता दें कि भोजशाला में शिलालेख और अन्य हिंदू-मुस्लिम प्रतीक चिन्हों को पढ़ने के लिए तीन भाषा विशेषज्ञ जुडे़ है. विशेषज्ञ शिलालेखों पर लिखे शब्दों को हिंदी और अंग्रेजी में अनुवादित करेंगे.
उर्दू-फारसी में लिखावट
रविवार को सर्वे के दौरान भोजशाला में तीनों विशेषज्ञों ने भोजशाला परिसर में शिलालेख और अन्य हिंदू प्रतीक चिह्नों से प्लास्टिक की फिल्म हटवाई और प्राथमिक जांच की थी. दरअसल सर्वे करने से पहले टीम ने शिलालेखों और प्रतीक चिन्हों की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक की फिल्म लगा दी थी, जिससे की वो खराब न हो.
वहीं दूसरी ओर भोजशाला परिसर में स्थित कमाल मौलाना की दरगाह में भी जो शिलालेख उर्दू या फारसी में हैं, उनके भी अध्ययन का कार्य विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा. इसके बाद विशेषज्ञ शिलालेखों पर लिखे विषय को हिंदी और अंग्रेजी में अनुवादित करेंगे. जो इस सर्वे का एक महत्वपूर्ण बिंदु होगा.
हिंदू पक्ष ने क्या कहा?
हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि आज टीम में कई नई विधा के अधिकारी जुड़े थे. जिन्होंने भोजशाला के अंदर कार्बन डेटिंग का कार्य पूरा किया. भोजशाला के अंदर जितने भी पत्थरों शिलालेख और कमाल मौलाना की मस्जिद में लगे खम्बों, दीवारों और पत्थरों पर बनी आकृति और मस्जिद में बनी आकृति की कार्बन डेटिंग कर उसको पेपर रोल पर उतारा गया.
मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा?
वहीं अब्दुल समद ने कहा कि आज बहुत महत्वपूर्ण दिन था. जो छोटी-छोटी चीजें पत्थरों-दीवारों पर लिखी हुई थी. जिनकी आकृतियां, मस्जिद के अंदर जो आयतें लिखी हुई थी, जिसको टीम ने पहले कवर कर रखा था, उसको अलग प्रकार से आज टीम ने पेपर स्टाम्प पर उकेरा. दिनभर हर बारीक पहलु पर उन्होंने काम किया. वहीं गौशाला के पीछे उत्तरी क्षेत्र में एक 6/6 का गद्दा चिन्हित किया गया है. जिसमें दो ढाई फीट तक खुदाई हुई है.
रिपोर्ट - कमल सोलंकी