मेक इन इंडिया का असर! देश में बने खिलौनों की विदेशों में बढ़ी मांग
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मेक इन इंडिया का असर! देश में बने खिलौनों की विदेशों में बढ़ी मांग

वित्तीय वर्ष 2018-19 में भारत ने 371 मिलियन डॉलर का आयात हुआ था जो कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में घटकर 110 मिलियन डॉलर पर आ गया है. इस तरह खिलौने के आयात में 70 फीसदी की कमी आई है.

मेक इन इंडिया का असर! देश में बने खिलौनों की विदेशों में बढ़ी मांग

नई दिल्लीः देश में मेक इन इंडिया इनीशिएटिव का असर देखने को मिल रहा है. बता दें कि देश के खिलौना सेक्टर से अच्छी खबर आई है. दरअसल बीते तीन सालों में देश में बने खिलौनों के निर्यात में 61 फीसदी का उछाल आया है. वहीं आयात में 70 फीसदी की कमी आई है. सरकारी आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है. 

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018-19 में भारत ने 371 मिलियन डॉलर का आयात हुआ था जो कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में घटकर 110 मिलियन डॉलर पर आ गया है. इस तरह खिलौने के आयात में 70 फीसदी की कमी आई है. एचएस कोड 9503 का आयात तो 304 मिलियन से घटकर 36 मिलियन डॉलर रह गया है. कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय ने यह डाटा रिलीज किया है. 

आंकड़ों के अनुसार, खिलौनों के निर्यात की बात करें तो एचएस 9503 और 9504 और 9505 के खिलौनों का निर्यात 202 मिलियन डॉलर से बढ़कर 326 मिलियन डॉलर हो गया है. बता दें कि केंद्र सरकार देश में खिलौनों के निर्माण को बढ़ावा दे रही है. उसी का नतीजा माना जा रहा है कि देश में बने खिलौनों की विदेशों में मांग बढ़ी है. 

देश में बने खिलौनों को सीखने का माध्यम बनाने पर जोर है. साथ ही इन खिलौनों से भारतीय परंपरा, इतिहास और संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है. इसके लिए सरकार देश में विभिन्न जगहों पर टॉय क्लस्टर विकसित कर रही है. मध्य प्रदेश के इंदौर में भी टॉय क्लस्टर विकसित किया जा रहा है. 

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