जनता ने बताया कौन है असली शिवसेना... उद्धव ठाकरे पर जमकर बरसे एकनाथ शिंदे
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जनता ने बताया कौन है असली शिवसेना... उद्धव ठाकरे पर जमकर बरसे एकनाथ शिंदे

Maharashtra News: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे एक बार फिर उद्धव ठाकरे पर जमकर बरसे हैं. उन्होंने कहा कि शिवसेना (उबाठा) एक परिवार के लिए काम करती है चुनाव में जनता ने बता दिया की असली शिवसेना कौन है.

जनता ने बताया कौन है असली शिवसेना... उद्धव ठाकरे पर जमकर बरसे एकनाथ शिंदे

Maharashtra News: अक्सर देखा जाता है कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे पर तंज कसते रहते हैं. एक बार फिर उन्होंने शिवसेना (उबाठा) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एक परिवार के लिए काम करती है. साथ ही ये भी कहा कि जनता ने बता दिया की असली शिवसेना कौन है. उन्होंने ये बात पार्टी की प्रभावशाली जीत का जश्न मनाने के उद्देश्य से रत्नागिरी में आयोजित 'धन्यवाद' रैली को संबोधित करते हुए कही. 

शिंदे ने विपक्षी दलों पर निर्वाचन आयोग, उच्चतम न्यायालय, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को दोषी ठहराने और मतदाता सूची में विसंगतियों को चुनावी हार के लिए जिम्मेदार ठहराने का भी आरोप लगाया. उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एक परिवार के लिए काम करती है, जबकि उनकी शिवसेना महाराष्ट्र के लिए काम करती है वहीं विपक्ष फर्जी विमर्श फैलाता है, लेकिन शिवसेना सकारात्मक काम करती है, यही वजह है कि लोगों ने विधानसभा चुनाव में उसे वोट दिया.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के ‘महायुति’ (गठबंधन) ने नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की थी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में शिवसेना को शिवसेना (उबाठा) से दो लाख से अधिक वोट मिले थे. शिंदे ने कहा कि विधानसभा चुनाव में शिवसेना (उबाठा) ने 97 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 20 सीटों पर जीत हासिल की ​​वहीं उनके नेतृत्व वाली शिवसेना ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन 60 सीटें जीतीं और अपनी प्रतिद्वंद्वी से 15 लाख अधिक वोट हासिल किए.

उन्होंने कहा, ‘‘तो फिर बताएं कि असली शिवसेना कौन सी है. जनता ने दिखा दिया कि असली शिवसेना कौन सी है, जो बाल ठाकरे के आदर्शों पर चलती है.  रैली के दौरान अविभाजित शिवसेना के पूर्व विधायक सुभाष बाने, जो शिवसेना (उबाठा) में थे, शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हो गए. इसके अलावा कुछ लोग अपनी हार के लिए निर्वाचन आयोग, उच्चतम न्यायालय और ईवीएम को दोषी ठहराते हैं. निर्वाचन आयोग और ईवीएम तब अच्छे होते हैं, जब आप जीतते हैं और तब बुरे होते हैं, जब आप हारते हैं. (भाषा)

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