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National Herald Scam: देश की फर्स्ट पॉलिटिकल फैमिली कही जाने जाने वाली गांधी फैमिली कानून के शिकंजे में घिरती जा रही है. ED ने नेशनल हेराल्ड मामले मे सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. इन दोनों से आज यानी 2 जून को ED के दफ्तर में पूछताछ की जाएगी. दोनों से नेशनल हेराल्ड घोटाले के संबंध में तीखे सवाल पूछे जाएंगे. इसके लिए ईडी के अफसरों ने प्रश्नावली तैयार कर ली है.
दोनों पर आरोप है कि उन्होंने नवंबर 2010 में यंग इडिंया नाम से कंपनी बनाई, जिसमें उन दोनों के 76 प्रतिशत शेयर थे. उनके अलावा मोती लाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास शेष बचे 24 प्रतिशत शेयर थे.आरोप है कि सोनिया-राहुल गांधी ने केवल 50 लाख रुपये देकर नेशनल हेराल्ड की 2000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पर मालिकाना हक ले लिया. इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडिस के अलावा सुमन दूबे और सैम पित्रोदा भी आरोपी है. इन आरोपियों में से मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस की साल 2020 और 2021 में मौत हो चुकी है.
बाकी बचे सभी आरोपियों को दिसंबर 2015 में इस मामले में निचली अदालत से जमानत मिली हुई है क्योंकि ये मामला सीधा दिल्ली की अदालत में ले जाया गया था. इसी के बाद ED ने मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज कर इस मामले में अपनी जांच शुरू की थी. ये एक पुराना मामला है, जिसे आप National Herald घोटाले के नाम से भी जानते हैं. इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों बेल पर हैं. ये पहली बार होगा, जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आज एक आम नागरिक की तरह के ED के दफ्तर में पूछताछ के लिए जाना होगा.
दूसरे शब्दों में कहें तो भारत की राजनीति में एक नया टर्निंग पॉइंट सामने आने वाला है, जिसके जरिए मोदी सरकार पूरे देश को ये संदेश देने जा रही है कि चाहे आम हों या खास व्यक्ति, सभी के लिए देश में एक समान कानून लागू हैं. असल में ये पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग का है, जिसे आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया.
जवाहर लाल नेहरु समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने Associate Journal Limited नाम से एक कम्पनी बनाई थी, जो National Herald नाम से एक अखबार प्रकाशित करती थी. चूंकि ये कंपनी अखबार प्रकाशित करती थी, इसलिए इसे कई शहरों में सस्ते दामों पर सरकारों से जमीनें मिली. आरोप ये है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक ऐसी कम्पनी बनाई, जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था. बल्कि वो इस कम्पनी के जरिए AJL को खरीदकर उसकी 2 हज़ार करोड़ रुपये की सम्पत्ति को अपने नाम पर करना चाहते थे.
वर्ष 2011 में ऐसा ही हुआ. उस समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कम्पनी यंग इंडिया लिमिटेड ने AJL को टेकओवर कर लिया. इस तरह केवल 50 लाख रुपये चुकाकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2 हजार करोड़ रुपये की संपति के मालिक बन बैठे. आज उनसे होने वाली पूछताछ भारतीय राजनीति के लिए काफी अहम होने जा रही है. इसे आप चार अहम बदलावों के रूप में देख सकते हैं.
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पहला, ये समन, गांधी परिवार को मानसिक रूप से और राजनीतिक रूप से अस्थिर कर देगा.
दूसरा, विपक्षी दलों में और खासतौर पर UPA में राहुल गांधी और सोनियां गांधी की स्थिति कमज़ोर हो जाएगी
तीसरा, चूंकि ये मामला भ्रष्टाचार का है, इसलिए राहुल गांधी और सोनिया गांधी की जो Public Image है, उसे भी धक्का लगेगा और आने वाले चुनाव प्रचारों में बीजेपी इस मामले का पूरा फायदा उठाएगी.
चौथा, आज के इस डिजिटल युग में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का भ्रष्टाचार के एक मामले में ED के दफ्तर में जाकर पेश होना, एक बड़ी ख़बर बनेगा. और इसके वीडियो पूरी दुनिया में वायरल होंगे. जिससे पहले से कमजोर हो चुकी कांग्रेस और कमजोर हो जाएगी.
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