Parliament Security Breach Case: संसद की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आने के बाद अब उसकी सिक्योरिटी पर खासा फोकस किया जा रहा है. सरकार ने अब संसद की सुरक्षा ट्रेंड फोर्स के हाथों में सौंपने का फैसला किया है.
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CISF will now Handle the Security of the Campus: संसद में सुरक्षा चूक का मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार पार्लियामेंट की सुरक्षा को लेकर गंभीर है. संसद की फुलप्रूफ सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए सरकार अब CISF को तैनात करने पर विचार कर रही है. इसके लिए संबंधित पक्षों से डिस्कशन किया जा रहा है. केंद्र ने इस बारे में एक बड़ी बैठक की है, जिसमें दिल्ली पुलिस, गृह मंत्रालय, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक सरकार अगले हफ्ते इस बारे में दूसरे दौर की बैठक करेगी, जिसमें इस बारे में कोई अंतिम फैसला लिया जा सकता है.
इन 2 बिंदुओं पर हुई चर्चा
मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक हाई लेवल मीटिंग में 2 बिंदुओं पर खासतौर पर चर्चा की गई. इसमें संस्थानों की सुरक्षा में एक्सपर्ट होने की वजह से सीआईएसएफ को संसद की सिक्योरिटी सौंपने और पार्लियामेंट में कुछ स्थानों पर दिल्ली पुलिस की सुरक्षा जारी रखने का सुझाव दिया गया. संसद में सीआईएसएफ की तैनाती से पहले संसद भवन परिसर के सर्वेक्षण का भी आदेश जारी किया गया, जिससे इमरजेंसी की स्थिति में रिस्पांस फोर्स तुरंत कार्रवाई शुरू कर सके.
8 सुरक्षाकर्मी हुए सस्पेंड
संसद के सिक्योरिटी सिस्टम में बदलाव के लिए यह बैठक लोकसभा में सुरक्षा चूक पर 8 सुरक्षाकर्मियों के सस्पेंशन के बाद हुई है. लोकसभा में 13 दिसंबर को मनोरंजन डी और सागर शर्मा नाम के दो घुसपैठिए दर्शक दीर्घा से सांसद गैलरी में कूद गए थे. उस दौरान उन्होंने धुएं के डिब्बे खोले और नारेबाजी की. बाद में उन्हें दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. नीलम आजाद और अमोल शिंदे नामक दो अन्य व्यक्तियों को भी संसद के बाहर से अरेस्ट किया गया. सभी चार लोगों पर आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत केस दर्ज किया गया है.
दर्शक दीर्घा के पास नहीं होंगे जारी
संसद में सुरक्षा चूक की घटना होने पर सदन की कार्यवाही बुधवार दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. यह घटना तब हुई जब सदस्य अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के मामले उठा रहे थे. उस दौरान भाजपा सांसद खगेन मुर्मू अपने मुद्दे पर बात कर रहे थे. संसद की सुरक्षा में सेंध लगने के बाद लोकसभा महासचिव ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर सुरक्षा की समीक्षा की और निर्णय लिया गया कि अगले आदेश तक दर्शक दीर्घा के लिए कोई पास जारी नहीं किया जाएगा.
समिति जल्द सौंपेगी अपनी रिपोर्ट
लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर, गृह मंत्रालय ने 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना की जांच का आदेश दिया. इसके लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में एक जांच समिति गठित की गई. गृह मंत्रालय के अनुसार, यह जांच समिति संसद की सुरक्षा में सेंध के कारणों की जांच करके खामियों की पहचान और आगे की कार्रवाई की सिफारिश करेगी. गृह मंत्रालय के मुताबिक, 'समिति जल्द से जल्द संसद में सुरक्षा में सुधार के सुझावों सहित सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.'
(एजेंसी ANI)