Robert Vadra; प्रियंका गांधी अब पूरी तरह राजनीति में आ गई हैं. कांग्रेस के लिए अब तक साइड में रहकर सेवाएं देने वाली प्रियंका गांधी ने केरल की वॉयनाड सीट से चुनाव जीत लिया है और लोकसभा में पहुंच गई हैं. इसके बाद उनके पति रॉबर्ट वाड्रा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं कि वो कब सक्रिय राजनीति का हिस्सा बनेंगे.
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Robert Vadra: चुनावी राजनीति में गांधी परिवार के एक और सदस्य की एंट्री हो चुकी है. प्रियंका गांधी ने हाल ही में वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर ली है और अब वो लोकसभा में नजर आएंगी. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वॉड्रा कब सक्रिय राजनीति में एंट्री करेंगे. यानी अब वो कब चुनावी फल का जायका चखेंगे? इस संबंध में उनसे कई बार सवाल किए गए हैं. हाल ही में मीडिया से बात करते हुए वॉड्रा ने इस संबंध में बड़ा इशारा दे दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर लोगों को लगता है... तो मैं यकीनी तौर पर संसद में रहूंगा.
केरल की वायनाड सीट से प्रियंका गांधी के चुनाव जीतने के बाद उनके कारोबारी पति रॉबर्ट वाड्रा से अक्सर उनकी राजनीति में एंट्री से संबंधित सवाल पूछे जा रहे हैं. बुधवार को मीडिया से बात करते हुए इस संबंध में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा,'अगर लोगों को लगता है कि मैं उनकी जरूरतों के मुताबिक बदलाव ला सकता हूं, तो मैं निश्चित रूप से संसद में रहूंगा.' वाड्रा ने आगे कहा कि मैं अभी सीख रही हा हूं, पिछली 2-3 दहाइयों से मैं सीख रहा हूं, अगर लोगों को लगता है कि मैं बदलाव ला सकता हूं तो मैं पार्लियामेंट में जाऊंगा लेकिन अभी हमारा फोकस प्रियंका गांधी पर है.
#WATCH | Delhi | On being asked if he will join electoral politics, Congress leader Priyanka Gandhi Vadra’s husband & businessman Robert Vadra says, "...If people feel that I can make a difference, then I surely will be in Parliament..." pic.twitter.com/hlMM4Fv4z4
— ANI (@ANI) November 27, 2024
रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी और राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी एक लंबे समय से राजनीति का हिस्सा हैं लेकिन उन्होंने अभी तक चुनाव नहीं लड़ा था. वो सिर्फ 17 साल की उम्र से ही चुनावी कैंपेंस का हिस्सा रही हैं. 1999 में पहली बार अपनी मां के साथ चुनावी मुहिम प्रचार में शामिल होने वाली प्रियंका गांधी को राजनीति में 25 साल हो गए हैं लेकिन एक बार भी उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा है. हालांकि इस बीच उन्होंने कांग्रेस पार्टी के कई अहम पदों पर जिम्मेदारियां निभाई हैं. हालांकि उनके नेतृत्व में कांग्रेस को मिली जुली सफलता ही मिल पाई. प्रियंका गांधी कई मौकों पर कांग्रेस के लिए संकट मोचक की भूमिका भी निभाती रही हैं. राजस्थान में सचिन पायलट के बागी रुख अपनाने के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट के समाधान में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी.
साल 2017 में उत्तर प्रदेश में हुए चुनावों में प्रियंका ने अहम किरदार निभाया था. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन और सीट बंटवारे में प्रियंका गांधी ने बड़ी भूमिका थी, हालांकि जब नतीजे आए तो इस गठबंधन को सफलता नहीं मिली. इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा के अगले चुनाव यानी 2022 में भी उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां थी लेकिन इस चुनाव में भी वो कुछ खास नहीं कर पाईं. कांग्रेस को चुनावों में सिर्फ ढाई फीसदी के वोट शेयर और दो सीटें ही मिल पाईं. हालांकि 2022 में ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनावों में उनको बड़ी कामयाबी मिली.