Alwar Dog Blood Donation: कुत्ते का खून बचाएगा जान ! कालू-बहरा और भूरी बने गए डोनर
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Alwar Dog Blood Donation: कुत्ते का खून बचाएगा जान ! कालू-बहरा और भूरी बने गए डोनर

राजस्थान के अलवर में एक अनोखा और नेक काम शुरू हुआ है, जहां कुत्ते भी रक्तदान कर रहे हैं. यह प्रयास घायल और ज़रूरतमंद कुत्तों की जान बचाने के लिए किया जा रहा है. युवाओं के इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य ब्लड की कमी से होने वाली मौतों को रोकना है.

Alwar Dog Blood Donation: कुत्ते का खून बचाएगा जान ! कालू-बहरा और भूरी बने गए डोनर
Alwar Dog Blood Donation: राजस्थान के अलवर में एक अनोखा और नेक काम शुरू हुआ है, जहां कुत्ते भी रक्तदान कर रहे हैं. यह प्रयास घायल और ज़रूरतमंद कुत्तों की जान बचाने के लिए किया जा रहा है. युवाओं के इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य ब्लड की कमी से होने वाली मौतों को रोकना है. यह एक नेक और मानवीय काम है, जो न केवल कुत्तों की जान बचा रहा है, बल्कि समाज में एक अच्छी मिसाल भी पेश कर रहा है.
 
जयपुर में एक अनोखी घटना सामने आई है, जहां केवल इंसान ही नहीं, बल्कि कुत्ते भी रक्तदान कर रहे हैं. हम अक्सर रक्तदान शिविरों में लोगों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते देखते हैं, लेकिन यह एक ऐसा मामला है जहां कुत्तों ने भी रक्तदान किया है. यह एक सच्ची और अनोखी घटना है जो हमें बताती है कि रक्तदान की भावना केवल इंसानों तक ही सीमित नहीं है.
 
 
राजस्थान के अलवर जिले में एक अनोखा ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किया जा रहा है, जहां कुत्ते ब्लड डोनेट करते हैं. यह कैंप उन स्ट्रीट और पालतू कुत्तों की जान बचाने के लिए आयोजित किया जा रहा है, जो सड़क हादसों या अन्य घटनाओं में घायल हो जाते हैं और उनके शरीर से काफी ज्यादा खून बह जाता है. अलवर के पशु चिकित्सालय में घायल डॉग्स का इलाज किया जाता है और यहीं पर कुत्ते ब्लड डोनेट करते हैं. अलवर के कुछ डॉग्स जैसे कालू, बहरा और भूरी ने यहां कई बार ब्लड डोनेट किया है. यह कैंप दूसरे जिलों से भी डॉग्स को ब्लड डोनेट करने के लिए आमंत्रित करता है.
 
राजस्थान के युवाओं ने एक दिल जीतने वाला कदम उठाया है, जिसमें अलवर के कई युवा शामिल हैं. उन्होंने एक ग्रुप बनाया है जो घायल कुत्तों का इलाज करने और उनकी जान बचाने के लिए काम करता है. यह युवा बताते हैं कि उन्होंने कई साल पहले ब्लड की कमी के कारण कुत्तों की मौत के कई मामले सुने थे, जिसके बाद उन्होंने नौकरी करने के साथ-साथ इन कुत्तों का इलाज करने का निर्णय लिया. वर्तमान में, उनके पास पशु चिकित्सालय में 85 कुत्तों के अलावा अन्य वन्यजीव भी हैं. जब भी कोई कुत्ता घायल होता है, तो वे पहले उसका इलाज करते हैं और आवश्यकता होने पर उसे ब्लड चढ़ाते हैं. साथ ही, वे उन दूसरे डॉग्स से ब्लड लेने से पहले उनका समय-समय पर ट्रीटमेंट और चेकअप भी करवाते हैं.
 
 
ग्रुप से जुड़े दिवाकर बताते हैं कि जबकि इंसानों के लिए ब्लड देने के लिए लोगों की लाइन लग जाती है, लेकिन कुत्ते जैसे वफादार और बेजुबान जानवरों की मदद करने के लिए कोई आगे नहीं आता. दिवाकर का मानना है कि कुत्ते अपनी पूरी जिंदगी लोगों का ध्यान रखने में निकाल देते हैं, इसलिए इनका भी ध्यान रखना चाहिए. इसी उद्देश्य से अब डॉग ब्लड बैंक बनाने की योजना है, जिससे घायल कुत्तों को समय पर ब्लड मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके.
 
 

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