Dungarpur News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में एक सरकारी अधिकारी के गर्ल्स हॉस्टल में रहने का मामला सामने आया है. यह मामला तब सुर्खियों में आया जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ कार्यकर्ताओं ने हॉस्टल पहुंचकर अधिकारी के वहां रहने का विरोध किया. मामला बढ़ने पर अधिकारी को हॉस्टल से हटाना पड़ा, लेकिन अब उन्हें अपने इस कृत्य के लिए विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. डूंगरपुर के कलेक्टर ने इस मामले में अधिकारी से जवाब मांगा है.
डूंगरपुर जिले में वसुंधरा विहार कॉलोनी में स्थित एक गर्ल्स हॉस्टल में समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक के रहने की शिकायत जिला अधिकारी से की गई है. इस मामले की जांच के लिए निर्देश दिए गए हैं और जिलाधिकारी ने सहायक निदेशक को हॉस्टल से बाहर जाने के लिए कहा है.
डूंगरपुर जिले के जिलाधिकारी अंकित कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार आधी रात को एक अज्ञात नंबर से समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक अशफाक खान के वसुंधरा विहार स्थित सावित्री बाई फुले नामक लड़कियों के छात्रावास में रुके होने की जानकारी मिली थी. जब अधिकारी से फोन पर बात की गई, तो पता चला कि वह स्थानांतरण पर डूंगरपुर आये थे और अस्थाई रूप से रुकने के लिए वहां पहुंचे थे.
डीएम ने बताया कि अधिकारी के छात्रावास में तीन दिन से रुकने की शिकायत मिलने पर छात्रावास में पुलिस को भी भेजा गया था. इसके बाद अधिकारी को छात्रावास में रुकने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं.
अधिकारी पर आरोप है कि शहर में समाज कल्याण विभाग के दो बॉयज हॉस्टल होने के बावजूद वह गर्ल्स हॉस्टल में रुके हुए थे. जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने अलग-अलग बहाने बनाए, जैसे कि वह ट्रांसफर होकर आए थे या फिर उन्हें कमरा नहीं मिला था.
डूंगरपुर जिले में एक अधिकारी को रात में ही गर्ल्स हॉस्टल से निकाला गया है. जिलाधिकारी ने बताया कि अधिकारी को रात में ही छात्रावास से बाहर चले जाने का निर्देश दिया गया था. वसुंधरा विहार स्थित इस छात्रावास में अनुसूचित जनजाति की छात्राएं रहती हैं. अब इस मामले में सहायक निदेशक अशफाक खान पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है और माना जा रहा है कि जांच के बाद उन पर फैसला लिया जाएगा.