Alwar: हेडमास्टर साहब की विदाई देखने के बाद हर एक शख्स यही कह रहा है कि विदाई हो तो ऐसी हो. क्योंकि अलवर के मुंडावर क्षेत्र के कृष्ण नगर में एक हेडमास्टर साहब का तबादला फिर विदाई पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बनी हुई है. शायद बच्चों और ग्रामीणों से हेडमास्टर साबह का लगाव भी इसकी एक बड़ी वजह है.
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Headmaster Dinesh Kumar Yadav Farewell: हां विदाई हो तो हेडमास्टर दिनेश कुमार यादव जैसी, क्यों उनकी विदाई के दौरान लोगों की आंखों में आंसू हैं, स्वागत के लिए बच्चों और उनके अभिभावकों के हाथों में फूल और माला. डीजे भी है, साथ ही एक घोड़ी को भी सजाकर लाया गया है, जिसमें हेडमास्टर साबह को बैठाकर करीब तीन किलोमीटर तक का जुलूस निकाला गया है.
इस दौरान खुशी भी है और गम भी है, गम इस बात का है कि हेडमास्टर दिनेश कुमार यादव स्कूल की कक्षाओं से निकलकर बच्चों और ग्रामीणों के दिल में बस चुके थे. तभी तो आज उनके जानें पर सब रो रहे हैं, विदाई ऐसी दे रहे हैं कि शायद ही ऐसी विदाई किसी हेडमास्टर साबह को जल्दी मिलेगी. विदाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. ये वीडियो आप भी देख सकते हैं.
हेडमास्टर दिनेश कुमार यादव ने लोगों को भावुक देखकर खुद को भी भावुक होने से नहीं रोक पाएं. उन्होंने कहा कि परेशान मत हो मैं फिर से आऊंगा. विदाई समारोह के कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हो रहा है.
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— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) January 25, 2023
अलवर से मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि हेडमास्टर दिनेश कुमार यादव का 28 दिसंबर को अलवर के बहरोड़ के खोर बसई स्कूल में तबादला हुआ था. वह 21 जनवरी को कृष्ण नगर स्कूल से रिलीव हुए. जैसे ही यह सूचना गांव के लोगों को मिली, गांव के लोग बेहद मायूस हो गए. इसके बाद गांव के लोगों ने हैडमास्टर साहब के सम्मान में विदाई समारोह आयोजित करने का फैसला किया. इसके बाद सबने संयुक्त रूप से हेडमास्टर साबह को एक यादगार विदाई दी.
बता दें कि दिनेश कुमार यादव अलवर के बहरोड़ के जखराना गांव से हैं, वो 15 साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. पिछले तीन साल से वह मुंडावर के इस स्कूल में कार्यरत हैं. राजसमंद से उनका ट्रांसफर अक्टूबर 2019 में मुंडावर के श्रीकृष्ण नगर के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुआ था.
करोड़ों की लागत से शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर किया खड़ा
बिना कुछ किए जय-जयकार नहीं होती. आज हेडमास्टर साबह की जो जय-जयकार हो रही है, उसकी एक वजह उनके कार्य हैं, उन्होंने पिछले तीन साल में स्कूल के जर्जर भवनों की मरम्मत कराकर उन्हें बेहतर बनाया है. करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से उन्होंने स्कूल में कई विकास कार्य करवाए हैं. इसके आलाव रिजल्ट भी सत प्रतिशत दिया है. ये एक बड़ी वजह है.