Rajasthan: बीजेपी से निष्कासित पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा ने थामा आजाद समाज पार्टी का दामन, बानसूर विधानसभा सीट से मिला टिकट
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Rajasthan: बीजेपी से निष्कासित पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा ने थामा आजाद समाज पार्टी का दामन, बानसूर विधानसभा सीट से मिला टिकट

Rajasthan election 2023: बीजेपी से निष्कासित पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा कई अटकलों पर विराम लगाते हुए आखिरकार आज आजाद समाज पार्टी का दामन थाम लिया है. आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामलखन मीणा ने इसकी घोषणा की. 

Rajasthan: बीजेपी से निष्कासित पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा ने थामा आजाद समाज पार्टी का दामन, बानसूर विधानसभा सीट से मिला टिकट

Rajasthan election 2023: बीजेपी से निष्कासित पूर्व मंत्री डॉ रोहिताश शर्मा कई अटकलों पर विराम लगाते हुए आखिरकार आज आजाद समाज पार्टी का दामन थाम लिया है. आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामलखन मीणा ने इसकी घोषणा की. आजाद समाज पार्टी में जाने के बाद रोहिताश्व शर्मा को बानसूर से टिकट दिया गया है.पूर्व मंत्री डॉ. रोहिताश शर्मा ने बताया कि मैंने आजाद समाज पार्टी ज्वाइन कर ली है. बानसूर विधानसभा क्षेत्र से आजाद समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, जिसको लेकर पार्टी ने टिकट दिया है.

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रोहिताश्व शर्मा ने आजाद समाज पार्टी का दामन थामा

बता दें कि रोहिताश शर्मा वसुंधरा राजे के बेहद करीबी माने जाते हैं. जब सतीश पूनिया बीजेपी के अध्यक्ष थे, तब रोहिताश ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाया था. उसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. हालांकि इसके बाद भी उन्होंने वसुंधरा राजे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर अपने कार्यालय में लगाकर रखी थी और माना जा रहा था कि भाजपा में शर्मा की शीघ्र एंट्री हो सकती है. लेकिन आज सुबह एक बार इनके बसपा में जाने की अटकलें लगाई जा रही थी, लेकिन दोपहर तक रोहिताश शर्मा ने  आजाद समाज पार्टी (असपा) का दामन थाम लिया.

बानसूर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे

जानकारी के लिए बता दें कि डॉ. रोहिताश शर्मा कोटपूतली-बहरोड जिले की बानसूर विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक भी रह चुके हैं. साथ ही राज्य सरकार में यातायात मंत्री और एक बार मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं.

 राजस्थान के बहरोड़ के खरखड़ा गांव में जन्मे डॉ. शर्मा 1985 में कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे लेकिन तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.  इसके बाद डॉ. शर्मा ने 1993 में निर्दलीय चुनाव लडे़. जिसमें ये पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पत्नी और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की माता रमा पायलट को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे और भैरोसिंह शेखावत सरकार में शामिल होकर यातायात मंत्री के पद पर काबिज हुए.

बीजेपी में अनुशासनहिनता के आरोप में निष्कासित किया गया था

डॉ. शर्मा 2002 के उपचुनाव और 2008 के आमचुनाव में भाजपा के टिकट पर बानसूर से विधायक बने. हालांकि डॉ. शर्मा 2013 में कांग्रेस की शकुंतला रावत के सामने भाजपा से चुनाव लड़े और तब इन्हें हार का सामना करना पड़ा. उसके बाद वसुंधरा सरकार में दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री बनाए गये.

वसुंधरा राजे के बेहद करीबी माने जाते थे

डॉ. शर्मा भाजपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य भी रहे हैं और साल 2018 तक बानसूर में भाजपा में सक्रिय भूमिका में रहे. 2018 में भाजपा ने बानसूर की जगह थानागाजी से डॉ. शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा लेकिन वे बड़े अन्तर से चुनाव हार गए. बीजेपी में अनुशासनहिनता के आरोप में इन्हें साल 2021 में 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.

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