Facts About Donkeys: गधे की विश्नभर में कई प्रजातियां पाई जाती है. जिनके नाम भी अलग अलग होते है. जैसे बरोस और ऐसेस. बरोस को जंगली गधे की श्रेणी में रखा जाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि गधे इक्वीडे फैमिली के जानवर हैं.
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Facts About Donkeys: 'अक्सर हम अपने दोस्तों को मजाक में गधा कह देते है, तो वह बुरा मान जाते है. लेकिन जरा सोचिए गधे को अगर हम गधा कह कर बुलाते है तो उसे कैसा लगता होगा. लेकिन यह सोचने पहले हमें यह जरूर ध्यान देना होगा कि आखिर गधे को गधा क्यों कहकर बुलाया जाता है.
बता दें कि गधे की विश्नभर में कई प्रजातियां पाई जाती है. जिनके नाम भी अलग अलग होते है. जैसे बरोस और ऐसेस. बरोस को जंगली गधे की श्रेणी में रखा जाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि गधे इक्वीडे फैमिली के जानवर हैं. जिसमें घोड़े और जेब्रा भी आते हैं. वह काफी हद तक अपनी फैमिली इक्वीडे में पाएं जाने वाले गधो के जैसे ही दिखते लेकिन अगर उनमें थोड़ा फर्क आता है तो वह उनके कान में देखा जा सकता है. है. फैमिली के अन्य रिश्तेदारों से मिलते-जुलते ही दिखते हैं. सिवाय इनके कान के. इनके कान लंबे होते हैं. और ये घोड़ों और जेब्रा की तुलना में थोड़े मोटे और छोटे होते हैं.
गधे तीन प्रकार के होते हैं- पहला जंगली , दूसरे फेरल यानी आवारा और तीसरे घरेलू . जंगली गधे यानी बरोस ज्यादा ऊंचे नहीं होते है. उनकी ऊंचाई 125 सेंटीमीटर तक बताई गई है. लेकिन इनका वजन अन्य गधों की तुलना में कम वजी होता है. यह ज्यादातर 250 किलोग्राम तक के पाए जाते है.
दूसरे घरेलू गधे
इनका आकार और वजन दोनों ही अलग अलग होता है. यह उनको मिलने वाले खाने पर निर्भर करता है. अगर इन्हें भरपेट भोजन मिलता है तो इनका औसत तौर पर वजन 180 से 225 किलोग्राम और ऊंचाई 92 से 123 सेंटीमीटर होती हैं. सबसे छोटे होते हैं मिनिएचर डंकी. इनकी ऊंचाई सिर्फ 92 सेंटीमीटर होती है. इनका वजन 180 किलोग्राम होता है.
गधे जिस समूह में रहते हैं उसे हर्ड (Herd) कहते हैं. मेल गधों को जैक (Jack) और गधी को जेनेट्स या जेनी (Jennets or Jennies) कहते हैं. जंगली हर्ड का नेतृत्व आमतौर पर एक जैक करता है. जिसमें कई जेनी होती हैं. बड़े जंगली हर्ड में ज्यादा नर गधे होते हैं. समूह में सबसे ताकतवर नर गधे का वर्चस्व होता है. सारी गधी उसी की होती हैं. आमतौर पर गधे सामाजिक बंधन नहीं बनाते. ये हर्ड अक्सर टूटते और बनते रहते हैं.
क्या खाते है गधे
दिन में जब गर्मी बढ़ती है, तब गधे आराम करते हैं. वो आमतौर सुबह और शाम कोखाना पसंद करते हैं. इसी समय ये घूमते भी हैं या फिर घास चरते हैं. घरेलू गधों का काम सामान्य तौर पर बोझा उठाना होता है. या फिर पहाड़ी क्षेत्रों में दूध या सामान लाने का काम लिया जाता है. कई बार तो गधों को दूसरे मवेशियों की सुरक्षा के लिए ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि कोई घुसपैठ करके अन्य मवेशियों को नुकसान न पहुंचा पाए. भारत के कई स्थानों पर गधों को जासूसी के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है.
बेपरवाह किस्म के होते है गधे
गधे काफी बेपरवाह किस्म के होते है. उन्हें किसी भी बात की परवाह नहीं रहती कि उनके झुंड में कौन है, वैसे ही वे इस बात पर भी ध्यान नहीं देते हैं कि वे किसके साथ प्रजनन करते हैं. अन्य गधों के अलावा, वे घोड़ों और जेब्रा के साथ प्रजनन करेंगे, संकर वंश पैदा करेंगे. मियामी विश्वविद्यालय (नए टैब में खुलता है) के अनुसार, एक जैक जो एक मादा घोड़े के साथ संभोग करता है, एक खच्चर नामक जानवर पैदा करेगा, जबकि एक जेनी और एक नर घोड़ा एक हिन्नी पैदा करेगा. जब एक ज़ेबरा और एक गधा मेट करते हैं, तो परिणाम को ज़ेब्रॉइड, ज़ोनकी या ज़ेडोंक कहा जाता है. हाइब्रिड लगभग हमेशा बाँझ होते हैं और स्वयं की संतान पैदा नहीं कर सकते.
मादा गधी का गर्भकाल लगभग 12 महीने का होता है, और गधी के बच्चे को बछेड़ा कहा जाता है. जन्म के समय बछड़े का वजन 19 से 30 पाउंड (8.6 से 13.6 किलोग्राम) के बीच होता है और जन्म के 30 मिनट बाद ही खड़े होकर स्तनपान कर सकते हैं. 5 महीने की उम्र में, बछड़े का दूध छुड़ाया जाता है और 2 साल की उम्र में वे संभोग करने के लिए पर्याप्त उम्र के हो जाते हैं. मादा आमतौर पर प्रत्येक वर्ष एक नए बछड़े को जन्म देती हैं.