यह जीवनशम रटलैंड वाटर नेचर रिजर्व में खोजा गया है जिसे इतिहास की सबसे बड़ी खोजों में से एक बताया जा रहा है. इसके मिलने बाद वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह इचिथियोसौर नामक डायनासोर का जीवाश्म (Fossil)है. माना जाता है कि यह अपनी प्रजाति का पहला इचिथ्योसॉर (First Ichthyosaur) है.
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First Ichthyosaur Found: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में दुनिया भर के किसी भी बड़े शहर की तुलना में कहीं अच्छे समुद्री जीव मिलते है, इसलिए यहां हमेशा से जीवों को लेकर नए नए रहस्य सामने आते है. पर इसके उलट ब्रिटेन में हाल ही में वैज्ञानिकों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. उन्हें करोड़ों साल पुराने ड्रैगन के जीवाश्म (Fossil) मिले हैं.
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यह जीवनशम रटलैंड वाटर नेचर रिजर्व में खोजा गया है जिसे इतिहास की सबसे बड़ी खोजों में से एक बताया जा रहा है. इसके मिलने बाद वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह इचिथियोसौर नामक डायनासोर का जीवाश्म (Fossil)है. माना जाता है कि यह अपनी प्रजाति का पहला इचिथ्योसॉर (First Ichthyosaur) है. यह जीवनशम लगभग 18 करोड़ साल पुराना है. इसे समुद्री ड्रैगन भी कहा जाता है.
क्या होते है Ichthyosauria
मीनसरीसृप (इक्थियोसॉरिया, Ichthyosauria) लुप्त जलीय सरीसृप हैं, जिनका आकार मछली के जैसा होता था इसलिए इनका नाम मीनसरीसृप पड़ा. जीवाश्म सरीसृपों में इनका पता सबसे पहले लगा था. इनके बारे में सबसे पहले कोनीबियर और मैंटल ने इसके बारें में बताया है.
ये ऐसे चार पैरों वाले जीव थे जिनका जीवन ट्राइऐसिक कल्प(ट्राइएसिक (Triassic) पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास में एक कल्प था, जो आज से 25 करोड़ वर्ष पहले आरम्भ हुआ और 20 करोड़ वर्ष पहले अंत हुआ) में, बहुत बड़े परिणाम में, थलीय से जलीय जीवन में बदल गया. जिसके कारण ये पूरी तरह से जल अनुकूलित हो गए और जलीय जीवन बिताने लगे थे.
तृतीय महाकल्प( तृतीय कल्प (Tertiary) पृथ्वी के भौमिकीय इतिहास से सम्बन्धित पुराना शब्द है किन्तु अब भी बहुत से लोग इसका प्रयोग करते हैं. यह पृथ्वी के भौमिकीय इतिहास का अंतिम प्रकरण हैं. मध्यजीव महाकल्प (Mesozoc era) का अंत खटीयुग या क्रिटेशस युग के पश्चात् हो गया.) में जो स्थान सूँस (dolphin), शिंशुक (porpoise) और ह्वेल (whale) का था, वही स्थान ट्राइऐसिक कल्प में मीनसरीसृप का हो गया. मध्यजीवी महाकल्प (Mesozoic era) के अधिक भाग तक इनका सर्वाधिक आधिपत्य रहा. जल में रहने के बाद ये बिल्कुल गायब हो गए और इनके स्थान को स्थलीय जीवन बिताने वाले अन्य जीवों ने ले लिया.
इस जीवाश्म को सबसे पहले पिछले साल फरवरी में लीसेस्टशायर के रुटलैंड वाइल्डलाइफ ट्रस्ट के कंजरवेशन टीम लीडर जो डेविस ने खोजा था. वो उस समय रूटलैंड वाटर बैक के लगून आइलैंड से पानी साफ करवा रहे थे. तभी उन्हें कुछ अजीबो-गरीब शार्क जैसी आकृति दिखाई दी. उसके बाद उसके खनन का काम शुरु किया गया. पिछले साल अगस्त-सितंबर तक बारीकी से खनन कार्य करने के बाद पैलियोटोंबॉयोलॉजिस्ट से इसकी जांच कराई गई. इसकी सार्वजनिक घोषणा इसी हफ्ते की गई है.
33 फीट है लंबा
मिडलैंड्स में पाया गया यह डायनासोर का कंकाल लगभग 10 मीटर यानी 33 फीट लंबा है. उसकी नाक से लेकर उसकी पूंछ तक. इस जीवाश्म का वजन करीब एक टन है. इस जीव का वजन इससे करीब तीन गुना ज्यादा रहा होगा. इसकी खोपड़ी भी लगभग एक टन वजन वाली बताई जा रही है. बता दें, यूके में पाया गया यह अपनी तरह का अब तक का सबसे बड़ा और सबसे पूर्ण जीवाश्म है. गौरतलब है कि 1970 के दशक में रटलैंड वाटर के निर्माण के दौरान दो अधूरे और बहुत छोटे इचिथियोसॉर पाए गए थे. हालांकि, ये जो नई खोज है वो पहला पूरा कंकाल है.