शिक्षा के मंदिर में जब प्रधानाध्यापक ही नशा करके आए तो फिर बच्चों को शिक्षा कैसे मिलेगी, ऐसा ही मामला चूरू के बीदासर में सामने आया है, यहां विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक ने प्रधानाध्यापक पर विद्यालय में नशे का सेवन कर के आने का आरोप लगाए है.
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Sujangarh: शिक्षा के मंदिर में जब प्रधानाध्यापक ही नशा करके आए तो फिर बच्चों को शिक्षा कैसे मिलेगी, ऐसा ही मामला चूरू के बीदासर में सामने आया है, यहां विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक ने प्रधानाध्यापक पर विद्यालय में नशे का सेवन कर के आने का आरोप लगाए है.
अभिभावक का कहना है कि प्रधानाध्यापक की अनदेखी से विद्यालय के हालात खराब है. जब सरकार ने अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय खोलने की घोषणा की थी तब गरीब तबके के अभिभावकों में भी उम्मीद जगी थी कि महंगे निजी विद्यालयों के मुंह की ओर देखने की जरूरत नहीं होगी, हम गरीबों के बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम की आधुनिक शिक्षा से जुड़ सकेंगे लेकिन सरकार की इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए सरकारी मुलाजिमों के हाथों में जिम्मा है लेकिन सरकार से मोटी तनख्वाह लेने वाले कर्मचारियों की कार्यशैली का नजारा देखकर हर कोई सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठा रहे है.
बता दें कि शहर की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नम्बर एक में कार्यरत प्रधानाध्यापक भीकमचंद पर बच्चों के अभिभावक करणी सिंह ने विद्यालय में नशे का सेवन कर के आने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज जब बच्चों के साथ विद्यालय पहुंचा तो प्रधानाध्यापक नशे में था, जिसकी सूचना मैंने शहर के जागरूक व्यक्तियों को दी, जिस पर मौके पर पहुंचे लोगों ने उच्च अधिकारियों को इस बारे में जानकारी देकर अवगत कराया. वहीं उच्च अधिकारियों के आने की सूचना मिलते ही प्रधानाध्यापक भीकमचंद स्कूल छोड़कर निकल गया.
वहीं सूचना मिलने पर नोडल अधिकारी ताराचंद बारूपाल मौके पर पहुंचे तो प्रधानाध्यापक स्कूल में नही मिला, जिस पर अधिकारी ने उनके मोबाईल पर फोन किया लेकिन उसने फोन रिसीव नहीं किया. स्कूल की अव्यवस्था को लेकर भाजपा मंडल अध्यक्ष अरुण तिवारी ने मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के नाम पत्र सौंपा, उन्होंने पत्र में बताया कि बच्चों के अभिभावकों और वार्ड के लोगों से जानकारी मिली कि यहां का संस्था प्रधान नियमित रूप से विद्यालय नहीं आता है और रजिस्टर में हाजिरी भरकर स्कूल से गायब रहता है.
स्कूल के बच्चों ने बताया कि स्कूल का यह सत्र शुरू होने के बाद स्कूल में प्रार्थना भी नहीं हो रही. साथ ही स्कूल के कमरों और परिसर में जगह-जगह कचरे का ढेर लगा हुआ है और शौचालय की भी साफ-सफाई नहीं हो रही, गंदगी बाहर तक फैली हुई है. अभिभावक ने कहा कि स्कूल के ऐसे हालात से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है.
साथ ही गंदगी के आलम से बच्चों में बीमारियां होने का खतरा भी बना हुआ है. पत्र के माध्यम से प्रधानाध्यापक के शिक्षण कार्य की जांच करवाकर उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि समय रहते जांच कर कार्रवाई नहीं हुई तो विद्यालय का घेराव कर तालाबंदी की जाएगी. इस दौरान शिक्षा विभाग के एसीबीओ सुखदेवा राम ने शिकायत के आधार पर जांच करवाकर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
Reporter: Gopal Kanwar
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