Jaipur News: राज्य सरकार के सरकारी स्कूलों के मर्जर पर विपक्ष ने बंद करने का हो हल्ला मचाया तो राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी स्थिति स्पष्ट करने के लिए मैदान में उतरे. राज्यसभा सांसद ने कहा कि प्रदेश में एक भी सरकारी स्कूल बंद नहीं किया गया. सरकार सरकारी स्कूल बंद करती तो रीट में पचास हजार मास्टरों की भर्ती का कैलेंडर क्यों जारी करती?
प्रदेश में स्कूलों के मर्जर को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. शिक्षा विभाग के आदेश के बाद कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने इसको लेकर मोर्चा खोल दिया. विपक्षी नेताओं का आरोप था कि सरकार स्कूलों को बंद कर गरीबों की शिक्षा पर कुठाराघात कर रही है. साथ ही आरोप लगाया कि सरकार आएसएस की स्कूलों को फायदा पहुंचाना चाहती है. इसको लेकर सियासत शुरू हुई तो सरकार की ओर से राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी इसका स्पष्टीकरण देने मैदान में उतरे.
सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कांग्रेस नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कांग्रेस शिक्षा के बारे में गलत नेरेटिव सेट कर रही है. दिल्ली में उन्होंने नीट की परीक्षा के बारे में बहुत सी बातें की थी, सारी बातें गलत साबित हुई. राजस्थान में मदन दिलावर के नेतृत्व और सीएम भजन लाल शर्मा के मार्गदर्शन में शिक्षा में बहुत बड़े बडे काम हुए हैं. एक ही परिसर में दो-तीन विद्यालय थे, जहां नामांकन नहीं हुआ. केवल अध्यापक जाकर हाजिरी लगाते हैं. पहला यह किया कि तीन विद्यालय जहां पांच, बीस और सौ छात्र थे. इनमें पांच और बीस को सौ में शामिल कर 125 कर दिया, ताकि वो विद्यालय ठीक चलने लगे. ऐसे बंद किए गए विद्यालयों की संख्या 369 है.
तिवाड़ी ने जोर देकर कहा कि जिन विद्यालयों में पर्याप्त छात्र नहीं थे, उनके शिक्षकों को भी समायोजित किया गया है. एक भी स्कूल बंद नहीं हुआ है, शिक्षा को बचाने के लिए मर्ज किया गया है. तिवाड़ी ने कहा कि ये सारे विद्यालय अटल बिहारी सरकार के समय सर्व शिक्षा अभियान में शुरू किए गए थे, उस समय मैं शिक्षा मंत्री था. तिवाड़ी ने स्पष्ट किया किया राजस्थान सरकार जल्द ही रीट भर्ती कराने वाली है उसमें 50 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी. जब स्कूल बंद करने होते तो मास्टरों की भर्ती क्यों करते ?
तिवाड़ी ने कहा कि एक-दो किलोमीटर में दो स्कूल थे तो उन्हें समन्वित कर दिया है, ऐसे विद्यालयों की संख्या 81 है. राजस्थान में एक भी सरकारी स्कूल विद्यालय बंद नहीं किया गया है, जिनको समन्वित किया है, ज्योंही उनमें एडमिशन होगा उन्हें चालू कर दिया जाएगा, वो स्कूल आज भी खुले हैं. शिक्षा की दृष्टि से अच्छी प्रकार चलाने के लिए समन्वित किया गया है.
महात्मा गांधी स्कूलों को लेकर कहा कि महात्मा गांधी स्कूल प्रचार के लिए खोले गए थे. अंग्रेजी पढाने वाले एक भी टीचर की भर्ती नहीं की गई. केवल विद्यालयों के नाम के पट बदल दिए गए. इस प्रकार के विद्यालय के खोले गए मजाक के रूप में थे, इसलिए उन्हें बंद किया गया.
कांग्रेस पार्टी के नेता बार बार आरएसएस के स्कूलों के वक्तव्य दे रहे हैं. ये वक्तव्य उपहास वाले हैं ये विद्यालय सारे ग्रामीण क्षेत्रों में औरा प्राथमिक है उच्च प्राथिमक है. वहां विद्या भारती का एक भी विद्यालय नहीं है, ये बयान मूर्खतापूर्ण है. बार बार आरएसएस करना भी पागलपन है कांग्रेस के राष्ट्रीय के साथ ही राज्य नेतृत्व पर सवाल हो गया है.
तिवाड़ी ने कहा कि शिक्षा में राजनीति की जरूरत नहीं है, राजनीति में शिक्षा की जरूरत है. वो पढे़ और अनर्गल आरोप लगाने का काम नहीं करें. तिवाड़ी ने कहा कि भाजपा की सरकार आने के बाद सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मूल्यों की स्थापना की गई है. कांग्रेस अपने कल्चर के कारण इसे बर्दास्त नहीं कर पा रही है. कांग्रेस नेता कहते हैं कि इंडियन स्टेट के खिलाफ लड़ रहे हैं. इंडियन स्टेट का मतलब है कि एक राष्ट्र, एक जन और एक संस्कृति के खिलाफ लड़ाई करना है, वो भारत को भारत को बहुलता वादी राष्ट्रवादी बनाना चाहते हैं, कांग्रेस की मूल अवधारणा भारत राष्ट्र की चेतना के खिलाफ है.