जयपुर न्यूज:श्री राम मंदिर प्रन्यास ने निकाला शोभा यात्रा, रावण और कुंभकरण के पुतलों का किया दहन
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जयपुर न्यूज:श्री राम मंदिर प्रन्यास ने निकाला शोभा यात्रा, रावण और कुंभकरण के पुतलों का किया दहन

 

Jaipur news :  दशहरा मैदान में 115 फीट का रावण और 105 फीट के कुंभकरण का दहन किया गया. दोपहर में श्री राम मंदिर प्रन्यास की ओर से भगवान राम की शोभा यात्रा निकाली गई.जहां भगवान श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, की आरती उतार कर स्वागत किया गया .

जयपुर न्यूज:श्री राम मंदिर प्रन्यास ने निकाला शोभा यात्रा, रावण और  कुंभकरण के पुतलों का किया दहन

जयपुर : देशभर में विजयादशमी पर्व  धूमधाम से मनाया गया. जयपुर शहर के अनेक स्थानों पर रावण के पुतलों का दहन हुआ. दशहरा मैदान में 115 फीट का रावण और 105 फीट के कुंभकरण का दहन किया गया. दोपहर में श्री राम मंदिर प्रन्यास की ओर से भगवान राम की शोभा यात्रा निकाली गई.

 इस बार 115 फीट का रावण और 105 फीट के कुंभकरण के पुतले का निर्माण 
 जिसमें भगवान श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान ने जयपुर शहर के विभिन्न मार्गो का भ्रमण करा.शोभा यात्रा शाम को आदर्श नगर के दशहरा मैदान पहुंची, जहां भगवान श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, की आरती उतार कर स्वागत किया गया.रावण दहन के पहले भव्य आतिशबाजी का आयोजन किया गया, जिससे पूरा आसमान सितारों से जगमग हो गया.सबसे पहले कुंभकरण के पुतले का दहन किया गया, उसके बाद रावण के पुतले का दहन हुआ. प्रन्यास की ओर से इस बार 115 फीट का रावण और 105 फीट के कुंभकरण के पुतले का निर्माण करवाया गया.

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 कुंभकरण के पुतले में आंखों से आंसू निकलते हुए देखे गए, वही रावण के मुंह से अंगारे बरसते हुए नजर आए.अहंकारी रावण को जलते देखा दशहरा मैदान,जय श्री राम के नारों से गुंजायमान हो गया. दशहरा मैदान में रावण के पुतले का निर्माण पिछले 70 साल से मुस्लिम परिवार की ओर से किया जा रहा है.

मुस्लिम परिवार बनाता है पुतला 
 इस बार भी चांद मोहम्मद का परिवार जन्माष्टमी के दूसरे दिन से रावण और कुंभकरण के पुत्रों के निर्माण कार्य में जुड़ गया था. चांद मोहम्मद का कहना है कि त्योहार कोई सा भी हो सभी को मिलजुल कर मानना चाहिए जिससे आपस में प्रेम बना रहे. यह परिवार 1956 से रावण के पुतले बनाने का काम करता आ रहा है और ये उनकी 5वीं पीढ़ी है. यह  एक महीने तक राममंदिर परिसर में रहते हैं. हम सब एक महीने तक शुद्ध हिंदू की तरह रहते हैं. मंदिर में सादा भोजन करते हैं। पूजा के समय पूजा में शामिल होते हैं. जब रामलीला शुरू होती है, तब से रोज रात में रामलीला देखते हैं.

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