आचार्य शशांक के सानिध्य में मना पार्श्वनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक, निकाली शोभायात्रा
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आचार्य शशांक के सानिध्य में मना पार्श्वनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक, निकाली शोभायात्रा

चाकसू सकल दिगम्बर जैन समाज ने साधु संघ सेवा समिति के तत्वाधान में आचार्य शशांक सागर मुनि के सानिध्य में पार्श्वनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक मनाया गया.

भगवान का मोक्ष कल्याणक

Chaksu: चाकसू सकल दिगम्बर जैन समाज ने साधु संघ सेवा समिति के तत्वाधान में आचार्य शशांक सागर मुनि के सानिध्य में पार्श्वनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक मनाया गया. समिति अध्यक्ष अशोक तामड़िया ने बताया कि शोभा यात्रा निकाली, जिसमें समाज के 40 युवा केसरिया धोती, केसरिया साफा और केसरिया वस्त्रों के साथ केसरिया दुपट्टे पहन कर भगवान के चवर ढुलाते चल रहे थे. 

शोभायात्रा में महिला मंडल अलग ही आकर्षण का केंद्र बनी रही, जिसमें सभी ने लहरियां पहन रखा था. कार्यक्रम में भागचंद ज्ञानचंद सोगानी परिवार अग्निदेव बने. रमेश गोयल परिवार ने पाद प्रक्षालन किया. गौरव जैन दृष्टि ऑप्टिकल ने शास्त्र भेंट किया, वीरेंद्र अजमेरा परिवार ने शांतिधारा कर भगवान को मोक्ष का लड्डू चढ़ाया. 

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उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार छाबड़ा और मीडिया प्रभारी जगदीश जैन के अनुसार इससे पूर्व 25 परिवारों ने शिखरजी के मंडल पर अर्घ्य चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त किया. इस अवसर पर स्थानीय विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने आचार्य श्री को नमोस्तु ज्ञापित करते हुए सकल जैन समाज को मोक्ष सप्तमी पर्व पर शुभकामनाएं प्रेषित की और समाज को हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया. 

प्रवीण शाह कार्याध्यक्ष ने बताया कि सांयकाल सत्र में कैलाश अग्रवाल सांवलिया वाले परिवार ने भगवान की आरती की और महिला मंडल चाकसू ने कमठ का उपसर्ग नामक नाटिका प्रस्तुत की है. भगवान की पालकी लेकर चलने का सौभाग्य लादूलाल अशोक गंगवाल, भागचंद ज्ञानचंद सोगानी, कैलाश चंद कन्हैया सांवलिया वाले परिवारों ने प्राप्त किया है. 

चातुर्मास स्थल श्री पार्श्वनाथ भगवान मंदिर कोट परिसर से पालकी में विराजित भगवान पार्श्वनाथ की शोभायात्रा गांधी स्मारक रोड, सब्जी मंडी, मामोडिया मोहल्ले से मुख्य बाजार होते हुए पुनः मंदिर प्रांगण पहुंच कर धर्म सभा में परिवर्तित हो गई. आचार्य शशांक सागर महाराज ने कहा कि 'संत के बिना कैसा बसंत' चातुर्मास संतों के मार्ग दर्शन में होता है. वहां संयम, त्याग, तपस्या, स्वाध्याय और धर्माचरण का वातावरण स्वत: ही निर्माण हो जाता है. हम सभी को इस अवसर का अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए.

Reporter: Amit Yadav

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