Kisan Mahotsav 2023: किसान महोत्सव में आए किसान इसमें विशेष रुचि ले रहे हैं. किसान महोत्सव के दूसरे दिन कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने भी प्रदर्शनी और स्मार्ट फार्म का अवलोकन किया. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो ये नई तकनीक किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती हैं.
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Rajasthan Kisan Mahotsav 2023: राजस्थान में किसानों को स्मार्ट बनाने के लिए कृषि विभाग ने विशेष पहल की है. जयपुर में आयोजित किए जा रहे 3 दिन के राजस्थान किसान महोत्सव में स्मार्ट फार्म नामक एक विशेष पैवेलियन बनाया गया है. यहां कृषि की स्मार्ट तकनीकों से किसानों को अवगत कराया जा रहा है. किसान महोत्सव में आए किसान इसमें विशेष रुचि ले रहे हैं. किसान महोत्सव के दूसरे दिन कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने भी प्रदर्शनी और स्मार्ट फार्म का अवलोकन किया.
आज किसान महोत्सव के अंतर्गत कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में कृषक बंधुओं के श्रम व नवाचार से उत्पन्न कई उत्पादों को देखकर उत्सुकता व प्रसन्नता हुई।#जन_सम्मान_जय_किसान pic.twitter.com/V0DLsl7h06
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 16, 2023
कैसा हो यदि एक फसल में पानी देना हो और वह केवल पौधे को ही मिले. यदि फसल का मुख्य पौधा तो उपजे, लेकिन उसके साथ खरपतवार बिल्कुल भी न हो. इससे न केवल कम पानी में अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है, बल्कि खरपतवार नहीं होने की स्थिति में किसान को कीटनाशक के छिड़काव की जरूरत भी नहीं रहेगी. किसानों के लिए मल्चिंग और ड्रिप इरिगेशन जैसी तकनीक अत्यधिक उपयोगी साबित हो रही हैं. पॉली हाउस में नियंत्रित तापमान और नमी के बीच फसल को उगाया जाता है. इसकी खास बात यह है कि आमतौर पर मिलने वाली उपज की तुलना में कई गुना अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है.
शेडनेट और लो टनल तकनीक भी किसानों के बीच इसी तरह लोकप्रिय हो रही है. जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में हो रहे राजस्थान किसान महोत्सव में कृषक इन तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी लेते नजर आए. कृषि विभाग के विशेषज्ञ किसानों को इन तकनीक के बारे में समझाते दिखे. यहां उगी हुई नेपियर घास भी किसानों के लिए कौतुहल का विषय रही, क्योंकि एक बार लगाने पर इस घास से अगले 4 साल तक चारा काम में लिया जा सकता है. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो ये नई तकनीक किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती हैं.
राजस्थान किसान महोत्सव में 5 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में स्मार्ट फार्म बनाया गया है. यहां कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन व कृषि विपणन की विश्व स्तरीय तकनीकों का प्रदर्शन किया गया है. यहां मिनी स्प्रिंकलर, स्प्रिंकलर, ड्रिप इरिगेशन व सोलर पंपों से उपयोग जैसी सिंचाई की विभिन्न वैज्ञानिक तकनीकों का लाइव डेमो दिखाया जा रहा है.
ग्रीनहाउस के माध्यम से बेमौसम में खेती करने, शेडनेट हाउस के जरिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन और जल संरक्षण तकनीकों को दर्शाया गया है. महोत्सव में शामिल होने आए किसानों ने कहा कि यहां आना और नई तकनीकों के बारे में सीखना उनके लिए अविस्मरणीय अनुभव है.
किसानों को उर्वरकों और उन्नत बीजों की जानकारी देने के लिए विशेष कवायद की गई है. एग्रीकल्चर सेक्टर से जुड़े उद्योग लगाने और युवाओं को एंटरप्रेन्योर बनाने के लिए महोत्सव में करीब 200 स्टॉल लगाई गई हैं. इन स्टॉल्स पर सूक्ष्म सिंचाई, स्वचालित ड्रोन, संरक्षित खेती, सोलर पंप से संबंधित नवीनतम तकनीकों की जानकारी किसानों को दी जा रही है. किसानों को बीज, उर्वरक, ऑर्गेनिक इनपुट, पौध संरक्षण रसायन, खाद्य प्रसंस्करण आदि से संबंधित जानकारी भी मिल पा रही है.
किसान महोत्सव के दूसरे दिन कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने प्रदर्शनी और स्मार्ट फार्म का अवलोकन किया. इस दौरान कृषि विभाग के अधिकारी उन्हें विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी देते नजर आए. कृषि मंत्री ने इस दौरान किसानों से संवाद भी किया. किसान महोत्सव का समापन समारोह रविवार को हाेगा.