राजस्थान रोडवेज (Rajasthan Roadways) के बेड़े में अगले महीने से नई बसें होंगी. अच्छी खबर यह है कि रोडवेज प्रशासन ने 400 बसें अनुबंध पर लेने की कवायद पूरी कर ली है. इनमें से 398 बसों को लेने के लिए निजी कंपनियों को एलओआई(LOI) जारी कर दिए गए हैं.
Trending Photos
Rajasthan Roadway Good News: राजस्थान रोडवेज (Rajasthan Roadways) के बेड़े में अगले महीने से नई बसें जुड़ना शुरू हो जाएंगी. हालांकि ये बसे रोडवेज स्वामित्व की तो नहीं हैं, लेकिन अनुबंध पर मिलने वाली इन बसों से भी रोडवेज प्रशासन को संजीवनी मिलेगी. रोडवेज प्रशासन को कुल 398 बसें अनुबंध पर मिलेंगी. ऐसे में कब तक मिलेंगी नई बसें और क्या होगा फायदा राजस्थान के लोगों का.
राजस्थान रोडवेज एक तरफ जहां 6100 करोड़ से अधिक के घाटे में है तो दूसरी तरफ रोडवेज के बेड़े में बसों की संख्या भी लगातार कम होती जा रही है. इस बीच एक अच्छी खबर यह है कि रोडवेज प्रशासन ने 400 बसें अनुबंध पर लेने की कवायद पूरी कर ली है. इनमें से 398 बसों को लेने के लिए निजी कंपनियों को एलओआई(LOI) जारी कर दिए गए हैं. ये बसें रोडवेज प्रशासन को जल्द ही मिल जाएंगी. माना जा रहा है कि जुलाई के पहले सप्ताह से ही बसें मिलना शुरू हो जाएंगी, जो कि अगस्त तक पूरी तरह रोडवेज के बेड़े में शामिल हो जाएंगी.
रोडवेज प्रशासन 28 निजी बस संचालकों से बसें अनुबंध पर ले रहा है. इन बसों को अनुबंध पर लेने की शर्त यह होगी कि बसें और उनका मेंटनेंस करना निजी कंपनियों का रहेगा. बसों में ड्राइवर भी निजी कंपनी का होगा, जबकि बसों में डीजल, परिचालक और किराए की राशि रोडवेज प्रशासन को मिलेगी. इसके पेटे निजी कंपनी को निर्धारित प्रति किमी की दर से भुगतान किया जाएगा.
- राजस्थान रोडवेज प्रशासन को 398 बसें अनुबंध पर मिलेंगी
- 279 बसों के लिए पहले फेज में, 121 बसों के लिए दूसरे फेज में निविदा जारी की
- अब रोडवेज प्रशासन को इनमें से 310 एक्सप्रेस बसें मिलने जा रही
- 42 स्टार लाइन और 46 स्लीपर कम सिटिंग बसें मिलेंगी
- 5 साल की अवधि के लिए अनुबंध पर बसें लेगा रोडवेज प्रशासन
- इन बसों के मिलने से रोडवेज के बेड़े में बसों की संख्या बढ़ेगी
- अभी रोडवेज के पास 2915 खुद की, 750 अनुबंध की बसें उपलब्ध
- नई बसें मिलने से 4000 से अधिक बसें हो जाएंगी रोडवेज के बेड़े में
राजस्थान रोडवेज प्रशासन अपने बेड़े में कुल क्षमता की 30 प्रतिशत बसें अनुबंध पर ले सकता है. अनुबंध पर बसों को लेने के लिए रोडवेज प्रशासन को निजी बस संचालकों को प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान करना होता है. ज्यादातर निजी बस संचालकों ने 12 से 14 रुपए प्रति किलोमीटर की दर पर बसें चलाने के लिए प्रस्ताव दिए हैं. ऐसे में रोडवेज प्रशासन को अनुबंध की इन बसों से किराए के रूप में मिलने वाली राशि से नुकसान होने की संभावना नहीं है. कुछ निजी बस संचालकों ने 5 रुपए प्रति किमी की दर से बसें चलाने का भी प्रस्ताव दिया है. हालांकि इतनी कम दर पर निजी बस संचालक के आने की संभावना नहीं है.
ये भी पढ़ें- World News: समुद्र में पनडुब्बी ढूंढने की आखिरी कोशिश, बची सिर्फ 2 घंटे की ऑक्सीजन
कुल मिलाकर अनुबंध की ये बसें आने के बाद रोडवेज के बेड़े में निजी बसों को मिलाकर कुल बसें 4 हजार से अधिक हो जाएंगी. यदि बजट घोषणा के तहत मिलने वाली 1000 बसें भी अगले कुछ महीनों में मिल जाती हैं तो रोडवेज के बेड़े में बसों की संख्या करीब 5 हजार तक होने की संभावना रहेगी.