सिद्धू मूसेवाला के कातिल गोल्डी बराड़ और लेडी डॉन अनुराधा चौधरी के रिश्तों की कहानी
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सिद्धू मूसेवाला के कातिल गोल्डी बराड़ और लेडी डॉन अनुराधा चौधरी के रिश्तों की कहानी

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला ( Sidhu Musewala ) की हत्या में लॉरेंस विश्नोई ( Lawrence bishnoi ) और गोल्डी बराड़ ( Goldie Brar ) का नाम सामने आया. इसी सिलसिले में अब कनाडा में बैठे डॉन गोल्डी बराड़ और राजस्थान की लेडी डॉन अनुराधा चौधरी ( Anuradha Chaudhary ) के रिश्ते भी सामने आ रहे है.

सिद्धू मूसेवाला के कातिल गोल्डी बराड़ और लेडी डॉन अनुराधा चौधरी के रिश्तों की कहानी

जुलाई 2021 में कुख्यात बदमाश काला जठेड़ी गिरफ्तार हुआ. पहलवान सागर धनकड़ की हत्या के मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई थी. संदीप उर्फ काला जठेड़ी के साथ लडी डॉन अनुराधा चौधरी की भी गिरफ्तारी हुई थी. कौन है अनुराधा चौधरी. कौन है काला जठेड़ी. अनुराधा चौधरी की गोल्डी बराड़ से दोस्ती कैसे हुई.

इन सारे सवालों के जवाब पाने के लिए आपको काला जठेड़ी को समझना होगा. काला जठेड़ी और लॉरेंस की दोस्ती के बारे में जानना होगा. अनुराधा चौधरी को समझना होगा. तभी आप गोल्डी बराड़े से अनुराधा चौधरी के कनेक्शन को समझ पाएंगे

काला जठेड़ी और लॉरेंस विश्नोई की दोस्ती

अनुराधा चौधरी की काला जठेड़ी से दोस्ती लॉरेंस विश्नोई गैंग की वजह से हुई थी. हरियाणा के सोनीपत में जन्मा काला जठेड़ी उर्फ संदीप का जीवन अपराध की दुनिया में कैसे आया. इस सवाल के जवाब में ये सामने आता है कि उसकी दोस्ती कुछ बदमाशों से हो गई थी. जाहिर सी बात है खर्चे बढ़ गए. परिवार खर्चे नहीं उठा पाया तो उसने चोरी और लूट का काम शुरु किया. इसी सिलसिले में 2004 में मोबाइल छीनने के मामले में दिल्ली में उस पर पहला मुकदमा दर्ज हुआ. धीरे धीरे उसने गैंग बनाकर उगाही का काम शुरु कर लिया. 

हरियाणा के नजफगढ़ के रहने वाले एक युवक ने काला जठेड़ी की मुलाकात लॉरेंस विश्नोई से कराई. वक्त के साथ उसने लॉरेंस गैंग का काम संभालना शुरु किया. दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लॉरेंस के ईशारे पर किसी भी वारदात को अंजाम देने से नहीं चूकता था. भारत में उस पर पुलिस गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा तो वो विदेश भाग गया. कभी मलेशिया तो कभी दुबई में बैठक अपनी गैंग ऑपरेट करता था. 

अनुराधा चौधरी, सीकर से सिंगापुर तक

अनुराधा चौधरी का ताल्लुक राजस्थान के शेखावाटी बेल्ट से है. गरीब परिवार में जन्मी अनुराधा की मां की मौत हो गई. पिता ने पाला. पढ़ाई में अच्छी थी. बीसीए किया और फिर शादी कर ली. शादी के बाद पति दीपक के साथ मिलकर व्यापार किया. शेयर मार्केट में निवेश किया. पहले लाखों कमाए. फिर करोड़ों गंवाए. कर्जा हुआ तो उधार मांगने वालों की घर कतार लगने लगी. इन्हीं उधार मांगने वालों से बचने के लिए अपराध की दुनिया को चुना. 

बलबीर बानुड़ा ने आनंदपाल से मिलवाया

इसी बीच अनुराधा उस समय के हिस्ट्रीशीटर बलबीर बानुड़ा के संपर्क में आई. लेकिन बलबीर के पास भी अनुराधा को देने के लिए पैसे नहीं थे. तो बलबीर उसे लेकर गैंगस्टर आनंदपाल के पास पहुंचा. अनुराधा ही वो लड़की थी जिसने देसी गैंगस्टर आनंदपाल को अंग्रेजी बोलना सिखाया. उसे देसी पहनावा छोड़कर स्टाइलिश कपड़ने पहनना सिखाया. जिसके बाद आनंदपाल हमेशा रॉबिनहुड स्टाइल में रहने लगा. धीरे धीरे वो आनंदपाल गैंग चलाने लगी. उसने एके-47 चलानी सीख ली. किसे कब कहां से कैसे अगवा करना है. किससे कितनी फिरौती लेनी है ये सारी प्लानिंग बनाने लगी. 

आनंदपाल एनकाउंटर के बाद लॉरेंस विश्नोई से संपर्क

27 जून 2006 को हुए जीवणराम गोदारा हत्याकांड में भी उसका नाम आया था. जीवनराम गोदारा हत्याकांड का मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी था. आनंदपाल के इशारे पर अनुराधा ने प्रमोद के भाई इंद्रचंद को उठा लिया था. 2017 में जब आनंदपाल का एनकाउंटर हो गया. तो अनुराधा ही इस पूरी गैंग को चलाने लगी. इसी दौरान अनुराधा को किसी बड़े चेहरे की मदद की जरुरत थी. ऐसे में वो लॉरेंस विश्नोई गैंग के संपर्क में आई. गोल्डी बराड़ी भी लॉरेंस विश्नोई गैंग का ही आदमी है. इसी वजह से बाद में गोल्डी बराड़ और अनुराधा चौधरी भी कई वारदातों की प्लानिंग में और उसे अंजाम देने में साथ रहे है. 

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