Major action in Congress leader son : पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता परसराम मोरदिया के पुत्र राकेश मोरदिया की हिस्सेदारी वाली खान पर अवैध खनन करने पर बड़ी कार्रवाई की गई है. अनुमान के मुताबिक दो खानों पर 120 करोड़ की पेनल्टी लगाने की तैयारी है. इनमें से एक खान में खुद राकेश मोरदिया हिस्सेदार है. इस कार्रवाई के बाद खनन करने वालों में हड़कंप मच गया है.
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Major action in Rajasthan Congress leader Parasram Mordiya son : झुंझुनूं से बड़ी खबर मिल रही है. पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता परसराम मोरदिया के पुत्र राकेश मोरदिया की हिस्सेदारी वाली खान पर अवैध खनन करने पर बड़ी कार्रवाई की गई है.
हालांकि अधिकारिक तौर पर पेनल्टी की गणना नहीं की गई है लेकिन अनुमान के मुताबिक दो खानों पर 120 करोड़ की पेनल्टी लगाने की तैयारी है. इनमें से एक खान में खुद राकेश मोरदिया हिस्सेदार है. इस कार्रवाई के बाद खनन करने वालों में हड़कंप मच गया है.
वहीं खनन व्यवसायी मोरदिया फिर से चर्चा में आ गए है. आपको बता दें कि इससे पहले भी राकेश मोरदिया के हिस्सेदारी वाली खान पर खान विभाग ने 273 करोड़ की पेनल्टी जड़ी थी, जो आज तक जमा नहीं करवाई है.
वहीं मोरदिया का दावा है कि कोर्ट ने इस पेनल्टी को रद्द कर दिया है. बहरहाल, आपको बता दें कि खनिज विभाग के अधिकारियों के अनुसार खेतड़ी इलाके के संजय नगर में आवंटित दो लीजों में भारी संख्या में मार्बल व चेजा पत्थर का अवैध खनन किया गया. एमई छगनलाल ने बताया कि उन्होंने फाइल मंगवाकर देखी है, पंचनामे बने हुए हैं.
एक खनन पट्टा के पंचनामे में 7 लाख 58 हजार 800 मैट्रिक टन से ज्यादा व दूसरे खनन पट्टे में 69 हजार 535 मैट्रिक टन अवैध मार्बल व चेजा पत्थर खनन करना पाया है, पेनल्टी की गणना की जा रही है. पार्टी को नोटिस दिया जाएगा. एक खनन पट्टा रतनी देवी व दूसरा खनन पट्टा एमजीएम स्टोन एग्रीटेके नाम से आवंटित हैं. पहले भी 273 करोड़ रुपए की पेनल्टी का पंचनामा बना हुआ है. वह भी जमा नहीं कराया गया .
आपको बता दें कि एमजीएम स्टोन में राकेश मोरदिया 50 प्रतिशत का हिस्सेदार है. जानकारी में सामने यह भी आया है कि संजय नगर में आवंटित लीज के क्षेत्र से बाहर जाकर अवैध खनन करने की शिकायत राजस्थान संपर्क पोर्टल पर की गई . शिकायत के बाद विभाग की टीम ने निरीक्षण किया तो दोनों लीजों में डीप हॉल ब्लास्टिंग तथा हेवी अर्थ मूविंग मशीनों से तय क्षेत्र से बाहर तक अवैध खनन पाया गया. यहां तक कि पीडब्ल्यूडी की ओर से बनाई गई पक्की सड़क को भी नीचे तक अवैध खनन कर खोखला कर दिया गया है.
दोनों ही जगह सीमा स्तम्भ व साइन बोर्ड नहीं लगे हुए थे. मौके पर न तो पट्टा धारक या प्रतिनिधि मिला और न ही ब्लास्टिंग की अनुमति या कोई कागजात दिखाए गए. दोनों ही लीजों के खिलाफ पूर्व में वर्ष 2015 में भी अवैध खनन पाए जाने पर 273 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई थी.