Chanakya Niti: कई बार दिन-रात मेहनत करके, महीने भर में लाखों की कमाई करके भी इंसान सुखी नहीं रहता है. ऐसे में वह समझ नहीं पाता है कि उससे गलती क्या हुई है. कहां पर वह चूक रहा है, जिससे उसकी खुशियों में रोड़े बने रहते हैं या फिर फिर निजी जीवन में कोई न कोई परेशानी बनी रहती है.
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Jodhpur: सफलता...क्या है ये सफलता? इंसान जिंदगी को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करता है. कोई सामान ढोता है तो कई रिक्शा चलाता है तो वहीं कोई ऑफिस जॉब करता है. छोटी-छोटी खुशियों को पाने के लिए आज हर शख्स नींदें भूलकर मेहनत में लगा रहता है तो वहीं, परिवार की जरूरतें भी पूरी करनी होती हैं.
कई बार दिन-रात मेहनत करके, महीने भर में लाखों की कमाई करके भी इंसान सुखी नहीं रहता है. ऐसे में वह समझ नहीं पाता है कि उससे गलती क्या हुई है. कहां पर वह चूक रहा है, जिससे उसकी खुशियों में रोड़े बने रहते हैं या फिर फिर निजी जीवन में कोई न कोई परेशानी बनी रहती है.
ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. आपसे शायद अनजाने में वो गलतियां हो रही हैं, जिन्हें नहीं होना चाहिए. ऐसे में जिंदगी को सफल बनाने के लिए महान राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य ने कई प्रकार की नीतियों के बारे में बताया है. ये नीतियां न केवल उनकी पहचान का कारण बनीं बल्कि अपनाने वाले हर इंसान के जीवन को सफल बनाने में अग्रणी भी साबित हुई हैं. वहीं, निजी जीवन को सफल बनाने के लिए आचार्य चाणक्य ने खास चार बातों का जिक्र किया है. अगर इंसान अपने जीवन में उतार ले तो सेहत, बिजनेस, दांपत्य जीवन से जुड़ी यह बातें उसकी तरक्की में सफल साबित हो सकती हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान कितना ही खुश या दुखी, क्यों न हो, उसे उन चार बातों को कभी भी किसी भी परिस्थिति में दूसरे के सामने नहीं कहना चाहिए. यही वो चार बातें होती हैं, जिन्हें दूसरे के सामने गा देने से उसके निजी जीवन में समस्याओं का पिटारा खुल जाता है. तो आइए जानते हैं किन चार बातों का जिक्र दूसरों के सामने कभी नहीं करना चाहिए-
पारिवारिक समस्याएं कभी न बताएं
कई बार इंसान अपने परिवार या रिश्तेदारों से किसी न किसी बात से दुखी रहता है. उसे उन्हें देखना भी पसंद नहीं होता है. ऐसे में जब कोई बाहरी उसे दुखी देखकर कुछ पूछता है तो परिवार से दुखी इंसान दूसरे इंसान के सामने अपनी पूरी पारिवारिक कलह ही रख देता है. बस गलती उससे यहीं हो जाती है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी परिवार की किसी भी तरह की कोई कलह बाहर वाले के सामने नहीं जानी चाहिए.
शादीशुदा जीवन की निजी बातें
अक्सर शादीशुदा लोग अपने निजी जीवन की छोटी-मोटी बातों का जिक्र दूसरों के सामने कर देते हैं. अगर वह खुश होते हैं तो खुशी-खुशी बताते हैं लेकिन अगर दुखी होते हैं, पति-पत्नी की बहस हुई होती है, तो भी वह दूसरों के सामने गा देते हैं. ऐसे में दूसरे लोग उनकी जिंदगी के बारे में किसी चौथे को बताकर मजे लेते हैं. लोगों की इस गलती की वजह से पति-पत्नी दोनों के ही मान-सम्मान पर असर पड़ता है. आचार्य चाणक्य की मानें तो शादीशुदा रिश्तों में खटास से बचना है तो निजी बातें कभी किसी को नहीं बतानी चाहिए.
किसी से न शेयर करें अपना दुख
आजकल हर इंसान को कोई न कोई समस्या होती है. किसी को पारिवारिक समस्या होती है तो किसी को ऑफिस या नौकरी को लेकर. ऐसे में जब कोई दूसरा उनसे पूछता है तो वह उसे अपना हितैशी मानकर सबकुछ बताने लगते हैं. बस यहीं से उसका पतन शुरू हो जाता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिन्हें आप अपना दुख बताते हैं वह उसे कम तो नहीं करते हैं पर बाकी लोगों को उसका ढिंढोरी पीटकर आपकी जिंदगी में कलेश और बढ़ा देते हैं.
कभी बीवी की कमियों का न करें बखान
अक्सर देखा जाता है कि आजकल के लोगों को बीवी से जरा सी समस्या हुई तो वह तुरंत उसे दूसरों के सामने या परिजनों के सामने गाना शुरू कर देते हैं. भूल जाते हैं, वह जिसकी कमियां गिना रहे हैं, वह उनकी अर्धांगिनी बनकर आई है. ऐसे में समाज ऐसे पुरुष की और इज्जत नहीं करता है. समाज में ऐसे पुरुषों की छवि भी खराब होती है और कई बार मजाक की वजह भी बनता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार, पत्नी घर की लक्ष्मी होती है. सदैव उसका सम्मान करें. इससे आपकी भी प्रतिष्ठा बनी रहेगी.
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