Pratapgarh News: 3 साल, 7 आरोपी और कई ज़िंदगियां बर्बाद, बेटियां मांग रही थी रहम की भीख, दरिंदे हसंते रहे, धरियावद सीरियल गैंगरेप मामले में जल्द सुना सकता है अब अपना फैसला! लोग कर रहे दरिंदगी करने वाले गुनहगारों को कड़ी सजा देने की मांग.
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Pratapgarh News: सोचिए, कोई मासूम लड़की फूट-फूटकर रो रही हो, हाथ जोड़कर रहम की भीख मांग रही हो, कांपती आवाज़ में कह रही हो ''भैया, वीडियो मत बनाओ. हमारी ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी!'' लेकिन सामने खड़े दरिंदों के दिल में ना इंसानियत थी, ना दया, ना डर. राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के धरियावद में जो हुआ था, वो न सिर्फ कानून को चुनौती है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक ऐसा आईना है, जिसे देखकर रूह कांप जाए. तीन साल पहले यहां हवस के भूखे भेड़ियों ने बारी-बारी से कई मासूम लड़कियों की जिंदगी तबाह कर दी. ये कोई एक बार का मामला नहीं था, बल्कि एक सुनियोजित सीरियल गैंगरेप था.
पुलिस को आरोपियों के मोबाइल से कई ऐसे वीडियो मिले, जिनमें मासूम लड़कियां चीख-चीखकर रहम की भीख मांग रही थीं, लेकिन वहशी दरिंदों पर इसका कोई असर नहीं हुआ. एक आरोपी दुष्कर्म करता, तो दूसरा उसका वीडियो बनाता, तीसरा पीड़िता के हाथ-पैर पकड़ लेता. जब मासूम लड़कियां विरोध करतीं, तो उन्हें बेरहमी से पीटा जाता. वीडियो ट्रांसक्रिप्ट में साफ-साफ सुना जा सकता है कि पीड़िताएं बार-बार कह रही थीं—''प्लीज हमें छोड़ दो, हमारी जिंदगी मत बर्बाद करो.'' लेकिन ये दरिंदे हंसते रहे, उनके दर्द को अपने वहशियाना खेल का हिस्सा बनाते रहे.
प्रतापगढ़ जिले के धरियावद में बहुचर्चित सीरियल गैंग रेप मामलों में अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी पूरी हो गई है. अब मुलजिम पक्ष के बयान दर्ज होने के बाद जल्द ही इस मामले में फैसला आने की उम्मीद है 3 साल पहले जब इन मामलों का खुलासा हुआ तभी से सभी 7 आरोपी जेल में बंद है. ऐसे राक्षसी कृत्य को अंजाम देने वाले हैवानो को फांसी की सजा देने की मांग उठने लगी है.
दरअसल 3 साल पहले प्रतापगढ़ की धरियावद थाना पुलिस ने लूट की योजना बनाते हुए वजपुरा मार्ग पर एक खंडहर नुमा मकान से तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया था. जिसमे दो के नाम दीपक थे और एक उमेश इस दौरान उनके बाकी साथी इरफान, प्रकाश, पुष्कर और जमना शंकर भागने में कामयाब रहे. पुलिस ने मौके से मिर्ची,चाकू,तलवार, रस्सी,पाइप आदि चीजे बरामद की थी. बाद में पुलिस ने फरार चार बदमाशों को भी गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन जब पुलिस ने इनके मोबाइल खंगाले, तो जो मिला वो किसी को भी झकझोर देने के लिए काफी था.
इन दरिंदों के मोबाइल में ऐसे वीडियो मिले, जिन्हें देखकर पुलिस अफसर तक सिहर गए. वीडियो में ये बदमाश मासूम लड़कियों के साथ गैंगरेप कर रहे थे, और इस घिनौने अपराध को रिकॉर्ड भी कर रहे थे. इस तरह के वीडियो तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अमृता दुहान के संज्ञान में आए तो उनके भी रोंगटे खड़े हो गए, जिस दरिंदगी के साथ यह हैवान दुष्कर्म कर रहे थे और साथ ही वीडियो बना रहे थे वह किसी को भी झकझोर सकता है. दरिंदों द्वारा की गई हैवानियत के खिलाफ डर और बदनामी से किसी ने भी थाने में शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी.
ऐसे में पुलिस के लिए यह चुनौती भरा काम था. मोबाइल के आधार पर पुलिस ने युवतियों की पहचान की और उनके परिवारों तक पहुंची तथा उनका हौसला बढ़ाया. पुलिस ने पीड़िताओं से बातचीत की तो उन्होंने सिलसिलेवार पूरी वारदात बयान की. बाद में पीड़िताओं की ओर से धरियावद थाने में प्रकरण दर्ज करवाए गए हालांकि उस समय इस तरह के 10 से 12 मामले होने की बात कही गई थी लेकिन केवल दो प्रकरण ही दर्ज करवाए गए. जिसमें एक मामले में चार आरोपी और दूसरे में छह आरोपी शामिल थे. दोनों मामलों में तीन आरोपी कोमन थे. सामूहिक दुष्कर्म के इन मामलों का खुलासा होने के बाद इलाके में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई.
भाजपा नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. वारदात को जघन्य बताते हुए सरकार को आडे हाथों लिया था. लोगों ने आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग की थी. पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म के इन मामलों में शामिल सातों आरोपियों को गिरफ्तार किया और जांच शुरू की. जांच के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. सरकार ने तब मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे कैस ऑफिसर स्कीम में लिया. मामले की जांच तत्कालीन पुलिस उप अधीक्षक संदीप सिंह द्वारा की जा रही थी. बदमाशों को कड़ी सजा दिलाने और अदालत में प्रभावी पैरवी के लिए 4 अप्रैल 2022 को सरकार ने तरुण दास बैरागी को विशिष्ट अभियोजक नियुक्त किया.
प्रतापगढ़ की पोक्सो अदालत में पिछले 3 सालों से दोनों मामलों की लगातार सुनवाई चल रही है. बैरागी अब लोक अभियोजक भी है और अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी कर रहे हैं. अब अभियोजन पक्ष की पैरवी पूरी हो चुकी है. इस मामले में जेल में बंद सभी सात बदमाशों के बयान अब अदालत में दर्ज होंगे. इसके बाद जल्द फैसला होने की उम्मीद है. 3 साल से चल रही सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से हाईकोर्ट में जमानत याचिका भी लगाई गई लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने भी इसे खारिज कर दिया.
मिली जानकारी के अनुसार जब पीड़िताओं ने महिला जज के सामने 164 सीआरपीसी में बयान दर्ज करवाए तब घटनाक्रम को सुनकर एक बार तो महिला जज भी भावुक हो गई थी. जेल में बंद सभी दरिंदों पर पहले से ही लूट,चोरी, नकबजनी, मारपीट के अपराधिक प्रकरण दर्ज है. पुलिस रिकॉर्ड में दीपक एक के खिलाफ छह, दीपक दो के खिलाफ तीन, जमना शंकर के खिलाफ पांच, उमेश के खिलाफ चार, इरफान के खिलाफ छह, पुष्कर के खिलाफ चार और प्रकाश के खिलाफ छह प्रकरण दर्ज है. इनमें कुछ बदमाश दिन में सब्जी बेचने, बाइक रिपेयरिंग करने, मोटर वाइंडिंग करने आदि का काम करते हैं.
अपराधिक प्रवृत्ति के यह दरिन्दे रात को ढाबों पर शराब पार्टी करते थे और सुनसान सड़क पर आने जाने वाले दो पहिया वाहन चालकों को अपना निशाना बनाते थे. नकाब पहनकर यह सुनसान इलाके में खड़े रहते थे ताकि कोई इन्हें पहचान नहीं सके. जब भी कोई बाइक पर सवार महिला पुरुष या युवक युवतियां गुजरते थे तो यह उनके पीछे लग जाते थे और पुरुष के साथ मारपीट और लूट करते थे और महिलाओं अपहरण कर उनके साथ इस तरह की घिनौनी वारदात को अंजाम देते थे. पुलिस में दर्ज दोनों प्रकरणों में यूवतियों के साथ जो युवक थे उनके साथ मारपीट की गई और उनके रुपए व मोबाइल छीन लिए गए. यूवतियों का अपहरण कर उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया.
बारी-बारी से दुष्कर्म करते हुए वीडियो बनाए गए, पीड़ित युवतियां इस दौरान चीखती चिल्लाती रही, रहम की भीख मांगती रही लेकिन इसका इन दरिंदों पर कोई असर नहीं पड़ा, युवतियां इन वीडियो में साफ साफ कह रही है भैया वीडियो मत बनाओ, हमारी जिंदगी खराब हो जाएगी लेकिन यह दरिंदे उनकी एक नहीं सुन रहे थे,एक बदमाश दुष्कर्म करता तो दूसरा उसका वीडियो बनाता था, दूसरा दुष्कर्म करता तो तीसरा वीडियो बनाता, पीड़िता प्रतिरोध करती तो दूसरे बदमाश उसके हाथ पांव पकड़ लेते,इन जल्लादों ने दुष्कर्म करते हुए यूवतियों के साथ मारपीट भी की, वीडियो ट्रांसक्रिप्ट के अनुसार पीड़िता प्लीज प्लीज करती रही लेकिन इन पर कोई असर नहीं हुआ,जांच रिपोर्ट के साथ अदालत के समक्ष प्रस्तुत की गई ट्रांसक्रिप्ट के अनुसार वीडियो में पीड़िता चीखते हुए कहती है.
मुझे छोड़ दो,पापा में मर जाऊंगी और ऐसे कई दर्दनाक शब्द है जिन्हें लिखना तक मुमकिन नहीं है,बदमाशों पर उनकी इस याचना का तो कोई असर नहीं हुआ,उल्टे पीड़िता का मुंह दबाकर चुप रहने के लिए धमकाते रहे, पीड़िताएं जब अपना मुंह छुपाने की कोशिश करती और कहती कि हमारा वीडियो मत बनाओ तो यह ठहाके लगाते थे और गालियां देते थे तथा बोलते की शक्ल छुपाने से कुछ नहीं होगा हम तुम्हारा वीडियो वायरल नहीं करेंगे, दुष्कर्म के बाद यूवतियों को उनके गांव के बाहर ले जाकर यह बदमाश बाइक से छोड़ देते थे.
पुलिस को जो वीडियो मिले हैं उनमें कोई 1 मिनट,कोई डेढ़ मिनट कोई 3 मिनट और अलग-अलग अवधि के है,पुलिस ने सभी वीडियो को एफएसएल जांच के लिए जयपुर भिजवाया था,वीडियो में आ रही आवाजों की ट्रांसक्रिप्ट की गई, बदमाशों की आवाजों के नमूने भी साथ में भिजवाए गए,वीडियो में आ रही आवाजों का नमूने की आवाज से मिलान किया गया,हालांकि कानूनी बाध्यताओं के कारण हर किसी को यह वीडियो देखने की अनुमति नहीं है,यह वीडियो अदालत के पास सुरक्षित है. गनीमत रही यह वीडियो वायरल नहीं हुए अन्यथा यूवतियों की जिंदगी पूरी तरह से बर्बाद हो जाती,फिलहाल अदालत में चल रहे दोनों मुकदमों में अभियोजन पक्ष की ओर से साक्ष्य पूरे कर लिए गए हैं,
मामले के जांच अधिकारी संदीप सिंह प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए बीते 3 सालों से लगातार अदालत में सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे और जांच को आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इनमें एक मामला 21 जनवरी 2022 को और दूसरा मामला 17 जनवरी 2022 को दर्ज हुआ,दोनों घटनाएं रात्रि की है, दोनों प्रकरणों में यूवतियों के साथ जो युवक थे उन्होंने भी डर के मारे किसी से इस वारदात का जिक्र नहीं किया था,यूवतियों के जरिए युवकों को भी धमकी दी गई थी कि वह पिस्टल रखते हैं और किसी से इस घटना का जिक्र किया तो जान से खत्म कर देंगे.
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे विशिष्ट लोक अभियोजक तरुण दास बैरागी इन दरिंदों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए डॉक्टर प्रभात अग्रवाल की पोक्सो अदालत में प्रभावशाली तरीके से पैरवी कर रहे हैं,135 से ज्यादा दस्तावेज़ गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए पेश कर चुके हैं,पुलिस जांच में आरोपियों ने वारदात करना कबूल किया था लेकिन अब जब अदालत के समक्ष उनके बयान होंगे तब वह अपने कृत्य पर पर्दा डालने का पूरा प्रयास करेंगे लेकिन जो गवाह और सबूत अभी तक अदालत के समक्ष आए हैं.
वह इन दरिंदों को सजा दिलाने के लिए काफी है, उनके इस तरह के घिनौने कृत्य को देखते हुए आरोपियों के परिवार वालों ने भी इनसे मुंह मोड़ रखा है, फैसले की घड़ी नजदीक आने के बाद एक बार फिर से समाज के हर तबके द्वारा ऐसे अपराध की निंदा हो रही है और बदमाशों को फांसी की सजा देने की मांग की जा रही है ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की वारदात करने की हिमाकत न कर सके.