Astrology : वैदिक ज्योतिष में सभी ग्रहों में सबसे शुभ ग्रह गुरु को माना जाता है. इसके पहलू की तुलना अमृत से भी की जाती है क्योंकि ये कुंडली में इन भावों को प्रभावित करता है. वहां विकास और समृद्धि लाता रहता है.
Trending Photos
Astrology : बृहस्पति को एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करने में 13 महीने का समय लगता है. वैदिक गणना के मुताबित अब 31 दिसंबर, 2023 तक गुरु शुभ स्थिति में रहकर फिर से मार्गी हो जाएगा. बृहस्पति की ये वक्री चाल कुछ राशियों के लिए बहुत शुभ होगी.
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति दैवीय शिक्षक के रूप में सम्मानित है. गुरु बृहस्पति को सबसे शुभ और लाभकारी ग्रहों में से एक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में विकास, समृद्धि और ज्ञान लाता है. बृहस्पति का एक राशि से दूसरी राशि में गोचर एक महत्वपूर्ण घटना है.
बृहस्पति को एक राशि से गुजरने में लगभग 13 महीने का समय लगता है. ये गोचर अत्यधिक प्रत्याशित है, क्योंकि यह व्यक्तियों के लिए उनकी राशि के आधार पर अनुकूल परिवर्तन और अवसर ला सकता है. जब बृहस्पति जन्म कुंडली में अच्छी स्थिति में होता है, तो यह किसी के करियर, व्यवसाय और वित्तीय संभावनाओं को बढ़ा सकता है. यह ज्ञान, आध्यात्मिक खोज और उदारता में वृद्धि का प्रतीक है. मजबूत बृहस्पति स्थिति वाले लोग अक्सर आशावादी, उदार और दयालु होते हैं.
मेष राशि
ये समय आपके लिए चमत्कारों से भरा होगा.
आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आने वाले हैं.
लग्न भाव में बृहस्पति के प्रतिगामी होने से आपको कृपा प्राप्त होगी.
आपके अटके काम तेजी से होंगे.
करियर और बिजनेस में फायदे होंगे.
आय बढ़ेगी और वित्तीय स्थिरता आएगी.
नौकरी की तलाश कर रहे लोगों की इच्छा पूरी होगी.
मिथुन राशि
आय भाव में बृहस्पति वक्री होंगे.
आपकी कमाई में बढ़ोत्तरी होगी.
व्यवसायिक क्षेत्र में मजबूती आएगी.
वित्तीय लाभ मिलेगा.
विलासिता की चीजों की खरीद होगी.
वैवाहिक जीवन में सुखद अनुभव होंगे.
नई संपत्तियों में निवेश का फायदा मिलेगा.