राजस्थान के कोटा में मकर संक्रांति पर पतंग बाजी को लेकर युवाओं में काफी क्रेज देखने को मिल रहा है. इस बार पुष्पा मूवी झूकेगा नहीं साला लोगों को काफी पसंद आ रही है.
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Kota News: राजस्थान के कोटा में मकर संक्रांति पर पतंग बाजी को लेकर युवाओं में काफी क्रेज देखने को मिल रहा है. शहर के दादाबाड़ी, नयापुरा, छावनी सहित एक दर्जन से अधिक इलाकों में दुकानों पर एक से एक पतंगे देखने को मिल रही है.
इस बार पुष्पा मूवी झूकेगा नहीं साला, सिद्दु मुसेवाला, मोदी पतंगे लोगों को काफी पसंद आ रही है. वहीं, छोटे बच्चों को डोरेमोन, मोटू-पतलू, छोटा भीम सहित पतंगे रास आ रही है.
वहीं, पतंग और मांझा बेच रहे दुकानदारों का कहना है कि चाइनीज मांझे पर लगातार हो रही कार्रवाई के बाद भी कई जगहों पर चाइनीज मांझा बेचा जा रहा है लेकिन हमारे यहां पतंगे खरीदने आने वाले ग्राहकों को हम पहले ही चाइनीज माझे के लिए मना कर देते है. कई ग्राहक अभी भी चाइनीज मांझे की डिमांड करते हैं.
दुकानों पर जयपुर, गुजरात, बरैली सहित कई शहरों से लाए गए एक से एक मांझे कोटा में बिक रहे हैं. हालांकि इन मांझो की दर 250 रुपये से 900 रुपये तक है लेकिन उसके बाद भी ग्राहक इन मांझो का काफी पसंद कर रहे हैं.
वहीं, ब्यावर के आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय में सोमवार को लोहड़ी पर्व के पवित्र त्यौहार और मकर संक्रांति के पावन पर्व के शुभ अवसर पर समरसता भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
लोहड़ी पर्व कार्यक्रम का शुभारं गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान साहिब सिंह, मुख्खय ग्रंथी हरदेव सिंह, समाज बंधु राम पंजाबी, कुलदीप सिंह हुड्डा, सेवादार गुरुसिंह, सोनू वीर, जसप्रीत कौर सलूजा, मनोज टेलर तथा रमेशचंद्र भराडिया ने किया.
विद्यालय प्रधानाचार्य नवीन कुमार सैनी ने अतिथियों का स्वागत सत्कार तिलक लगाकर तथा उपर्णा प्रदान कर किया. लोहड़ी पर्व के कार्यक्रम में राम पंजाबी ने लोहड़ी पर्व के महत्व तथा इतिहास के बारे में जानकारी दी.
लोहड़ी के त्यौहार को दुल्ला भट्टी से जोड़ा जाता है लोहड़ी के कई गीतों में भी इनके नाम का जिक्र होता है. पंजाबियों के लिए लोहड़ी उत्सव खास महत्व रखता है और विवाहित बहन और बेटियों को घर बुलाया जाता है. यह त्यौहार बहन और बेटियों की रक्षा और सम्ममान के लिए हर्षोल्लास से मनाया जाता है.
कार्यक्रम में गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान साहिब सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि खालसा पंथ समाज में एकता स्थापित की और गुरुदेव के दो पुत्र जिनकी उम्र 7 वर्ष 9 वर्ष थी. उन्हें मुगल काल में दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया लेकिन उन्होंने धर्मांतरण नहीं किया इसलिए समाज का संगठित होना बहुत आवश्यक है और एकता में शक्ति है. प्रधानाचार्य नवीन कुमार सैनी ने लोहड़ी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विद्यालय में भाषा के रूप में पंजाबी भाषा सीखना आरंभ किया जाएगा.
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के सभी छात्र-छात्रा और आचार्य-दीदी ने समरसता भोजन का भव्य कार्यक्रम आयोजन किया, जिसमें सभी ने एक साथ बैठकर भोजन किया.