Rajasthan Politics : राजस्थान की जालौर लोकसभा सीट का इतिहास बहुत ही रोचक रहा है. इस सीट से चुनाव लड़कर कई बाहरी नेताओं ने लोकसभा का रास्ता साफ किया था, तो लोकल लीडर्स को हमेशा ही खासी मेहनत करनी पड़ी है.
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Rajasthan Lok Sabha Election 2024 : राजस्थान लोकसभा चुनाव 2024 (Rajasthan Lok Sabha Election 2024) को लेकर सभी पार्टियों ने कसरत शुरू कर दी है. जहां बीजेपी राजस्थान के अपने 15 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी है. वहीं, कांग्रेस ने भी 12 मार्च को अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर अब तक 10 उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगा दी है.
जालौर लोकसभा सीट का अतरंगी इतिहास
राजस्थान की जालौर लोकसभी सीट का इतिहास बहुत ही रोचक रहा है. जहां, इस सीट पर राजस्थान के दूसरे क्षेत्रों से आकर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने जीत हासिल की, तो वहीं, राजस्थान से बाहर से आए प्रत्याशियों को भी जालौर लोकसभा सीट पर खूब कामयाबी मिली. जानकारों का कहना है, कि कांग्रेसी नेता बूटा सिंह पंजाब से यहां आकर चुनाव जीत चुके हैं.
इतना ही नहीं, साल 1998 में बूटा सिंह (Buta Singh) यहां से निर्दलीय भी चुनाव फतेह चुके थे. राजनीतिक विश्लेषकों के लिए यह आश्चर्य की बात है, कि जातिप्रेम में ओत-प्रोत होने के बावजूद एक सिख प्रत्याशी बूटा सिंह को चार बार लोकसभा पहुंचाया. इसी तरह भारतीय जनता पार्टी के नेता बंगारू लक्ष्मण की पत्नी बी सुशीला भी साल 2004 के लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं.
कांग्रेस का वैभव गहलोत पर दांव
जालौर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) को मैदान में उतारा है, तो भारतीय जनता पार्टी ने लुंबाराम चौधरी (Lumbaram Chaudhary) पर दांव खेला है. बता दें, कि Vaibhav Gehlot ने साल 2019 में जोधपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें गजेंद्रसिंह शेखावत ने 2,74,440 मतों से हराया था. पौने तीन लाख वोटों से मिली करारी हार के बाद कांग्रेस उन पर जोधपुर में दोबारा दांव नहीं खेल सकती थी. यही मुख्य कारण है, कि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में जालौर से प्रत्याशी बनाया गया है.