कृपाशंकर सिंह अवसरवादी हैं, मुश्किल वक्त में कांग्रेस छोड़ दी: संजय निरुपम
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कृपाशंकर सिंह अवसरवादी हैं, मुश्किल वक्त में कांग्रेस छोड़ दी: संजय निरुपम

मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम (Sanjay nirupam) ZEE मीडिया से बात करते हुए कृपाशंकर सिंह को अवसरवादी बताया है.

संजय निरुपम ने कृपाशंकर सिंह पर निशाना साधा है.

मुंबई: मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम (Sanjay nirupam) ZEE मीडिया से बात करते हुए कृपाशंकर सिंह को अवसरवादी बताया है. उन्होंने कहा कि कृपाशंकर सिंह की जो भी हैसियत है वह कांग्रेस पार्टी की वजह से रही, लेकिन आज वहां मुश्किल दौर में कांग्रेस से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो हुआ वह नया नहीं है, क्योंकि वह पिछले 2 साल से बीजेपी के संपर्क में रहे थे और अब वह जा रहे हैं. 

हालांकि संजय निरुपम (Sanjay nirupam) ने कहा कि इस मामले में मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष मुरली देवड़ा की भी जिम्मेदारी फिक्स होनी चाहिए, जो जिम्मेदार पदों पर हैं उनकी सब की जिम्मेदारी फिक्स होनी चाहिए.

उन्होंने उर्मिला मातोंडकर के इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा और मिलान तोड़कर अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार करना चाहिए. मैं उनसे अपील करता हूं कि वह अपने इस्तीफे पर दोबारा सोचें.

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महाराष्ट्र में कांग्रेस (Maharashtra Congress) को एक और बड़ा झटका लगा है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के मुंबई में धाकड़ नेता और सबसे बड़ा उत्तर भारतीय चेहरा कृपाशंकर सिंह (Kripashankar Singh) ने आज कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को भेजा है. कृपाशंकर सिंह दो दिनों से दिल्ली मैं कैंप कर रहे थे.

कांग्रेस की महाराष्ट्र चुनाव के लिए हो रही स्क्रूटनी कमेटी की बैठक में उन्होंने कश्मीर पर कांग्रेस के लिए गए स्टैंड पर खुलकर नाराजगी जताई और फिर बाहर आकर इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कर्नाटक भवन में जाकर कांग्रेस के सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात की. 

सूत्रों के मुताबिक, कृपाशंकर सिंह ने इस्तीफा कश्मीर से आर्टिकल 370 व 35A हटाने पर कांग्रेस के लिए गए स्टैंड से नाखुश होकर दिया है. वो पहले ही कश्मीर पर मोदी सरकार की भूमिका का खुलकर स्वागत कर चुके हैं. कई बार विधायक रहे कृपाशंकर सिंह मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष तो रहे ही हैं, महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री भी रह चुके हैं लेकिन उनकी सबसे बड़ी यूएसपी उत्तर भारतीयों में उनका प्रभाव है. मुंबई में उत्तर भारतीयों का तगड़ा वोट बैंक और कई सीटों पर तो ये निर्णायक भूमिका भी अदा करता है. 

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