कांग्रेस अध्यक्ष छोड़ने पर अड़े राहुल गांधी के तल्ख तेवरों के बाद पार्टी में नेताओं के द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने का दौर शुरू हो गया है. शनिवार को महाराष्ट्र के बड़े किसान नेता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके अलावा दूसरे अन्य नेताओं ने भी पद छोड़ दिए या इस्तीफे की पेशकश की.
Trending Photos
नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष छोड़ने पर अड़े राहुल गांधी के तल्ख तेवरों के बाद पार्टी में नेताओं के द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने का दौर शुरू हो गया है. शनिवार को महाराष्ट्र के बड़े किसान नेता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. किसान कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने Lok Sabha Elections 2019 में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष ने भी इस्तीफा दे दिया. राहुल के आवास पर चल रही मीटिंग में छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया ने भी इस्तीफे की पेशकश कर दी.
अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है. नाना पटोले का कहना है कि अब मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता रहकर काम करूंगा.
UP Congress's senior vice president Ranjit Singh Judev, general secretary Aradhna Mishra Mona, vice president RP Tripathi and 10 other leaders have resigned from the party taking moral responsibility for the party's defeat in Lok Sabha elections. pic.twitter.com/eTlYgiLrUO
— ANI UP (@ANINewsUP) June 29, 2019
प्रियंका गांधी के सवाल का UP पुलिस ने दिया जवाब, कहा- '2 साल में 9225 अपराधियों को गिरफ्तार और...'
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर राहुल गांधी के 12 तुगलक लेन पर मीटिंग शुरू हुई. महाराष्ट्र कांग्रेस के सभी नेता मीटिंग में मौजूद थे. इस मीटिंग में कर्नाटक कांग्रेस के के वरिष्ठ मल्लिकार्जुन खडगे, अशोक चव्हाण, के सी वेणुगोपाल, पृथ्वीराज चव्हाण, विजय वडेट्टीवार, नाना पटोले मौजूद रहे. उधर हिमाचल और छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्यों में भी कांग्रेस का प्रदर्शन लोकसभा चुनावों में बुरा रहा. ऐसे में हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया ने इस्तीफे की पेशकश की है.
बता दें कि 2014 में नाना पटोले बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर आए थे, लेकिन जल्द ही उनके पार्टी हाईकमान से मतभेद उभरकर सामने आ गए. इसके बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए. इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें नागपुर लोकसभा सीट से नितिन गडकरी के सामने उतार दिया. हालांकि तमाम दावों के बावजूद वह नागपुर से चुनाव हार गए. अब उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश की है.
उ.प्र. कांग्रेस के 35 पदाधिकारियों ने भी दिया इस्तीफा
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में इस्तीफों के शुरू हुए दौर के तहत शनिवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 35 वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी पद से त्यागपत्र दे दिया. पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक हाल में हुए लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम ना आने और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस पद से इस्तीफा दिये जाने के कारण प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल की उपनेता एवं प्रदेश कांग्रेस महामंत्री आराधना मिश्रा ‘मोना’, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री रणजीत सिंह जूदेव और उपाध्यक्ष आर पी त्रिपाठी ने भी अपने—अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया.
इस्तीफा देने वालों में प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के समन्वयक राजीव बख्शी, संयुक्त मीडिया समन्वयक पीयूष मिश्रा, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं प्रवक्ता ओंकारनाथ सिंह और महामंत्री विनोद मिश्रा भी शामिल हैं.
इसके अलावा पार्टी प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व विधायक सतीश अजमानी, श्यामकिशोर शुक्ल, महामंत्री हनुमान त्रिपाठी, महामंत्री एवं प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी, विभाग एवं प्रकोष्ठ प्रभारी वीरेन्द्र मदान, संगठन मंत्री शिव पाण्डेय, सचिव एवं प्रवक्ता पंकज तिवारी, प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह, प्रवक्ता मंजू दीक्षित और सोशल मीडिया प्रभारी संजय सिंह समेत कुल 35 पदाधिकारियों ने भी चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी पराजय के बाद पार्टी में इस्तीफा देने का सिलसिला चल पड़ा है. देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस को बेहद करारी हार का सामना करना पड़ा था. पार्टी अध्यक्ष राहुल को भी अपने गढ़ अमेठी में पराजय का सामना करना पड़ा था.