Mahakumbh Shahi Snan: कथा वाचक जया किशोरी ने महाकुंभ मेला 2025 के बारे में कहा कि सभी को मकर संक्रांति की ढेर सारी शुभकामनाएं. मुझे बहुत खुशी है कि मैं पहली बार कुंभ में स्नान करने आई हूं. मैं चाहती हूं कि हर व्यक्ति महाकुंभ के दर्शन कर सके.
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Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 का आगाज हो चुका है और प्रयागराज के संगम तट पर एक बार फिर से धार्मिक उत्सव का आयोजन शुरू हो गया है. मकर संक्रांति के पावन दिन पर महाकुंभ का पहला अमृत स्नान हुआ. यह स्नान लाखों श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे पुण्य लाभ प्राप्त करने का एक अहम अवसर माना जाता है. पौष पूर्णिमा स्नान के सफल समापन के बाद अब महाकुंभ में नागा साधुओं के अखाड़े अमृत स्नान कर रहे हैं. इन साधुओं की आस्था और विधि देखकर श्रद्धालु अक्सर चमत्कृत हो जाते हैं. बता दें कि महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 वर्ष में संगम तट पर आयोजित होता है. इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ संगम में डुबकी लगाते हैं, जिससे उन्हें पापों से मुक्ति और आत्मिक शांति प्राप्त होती है. महाकुंभ के दौरान नागा साधु विशेष स्नान प्रक्रिया से गुजरते हैं, जो उनके भक्तों के लिए गहरी श्रद्धा का कारण बनती है.
मुझे बहुत खुशी है कि मैं पहली बार महाकुंभ में स्नान करने आई हूं: जया किशोरी
इस पावन अवसर पर प्रसिद्ध कथा वाचक जया किशोरी भी महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंची हैं. जया किशोरी ने इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आप सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं. मुझे बहुत खुशी है कि मैं पहली बार महाकुंभ में स्नान करने आई हूं. यह अनुभव मेरे लिए अविस्मरणीय है और मैं चाहती हूं कि देश-विदेश का हर व्यक्ति महाकुंभ के दर्शन करे और इसकी दिव्यता का अनुभव करें.
50 दिन से अधिक चलेगा महाकुंभ
जया किशोरी ने आगे कहा कि हम अपनी संस्कृति, धर्म और संस्कारों को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं, ताकि युवा पीढ़ी प्रेरित हो और उनका ध्यान भगवान और भक्ति की ओर आकर्षित हो सके. महाकुंभ का आयोजन हर बार एक नई ऊर्जा और आस्था के साथ होता है. इस साल 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 50 दिन से अधिक चलेगा, और इस दौरान पूरी दुनिया से लोग यहां आकर संगम में स्नान करेंगे. माना जाता है कि गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
आस्था का प्रतीक बन चुका है महाकुंभ
प्रयागराज का यह धार्मिक आयोजन न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक आस्था का प्रतीक बन चुका है. इस मौके पर देश-विदेश से आए श्रद्धालु इस अद्भुत आयोजन का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हैं और महाकुंभ के जरिए भारतीय संस्कृति और धार्मिकता को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया जा रहा है.
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