Mahakumbh 2025: महाकुंभ में आज संतोष दास जी महाराज का पट्टाभिषेक किया गया. जिसमें जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने उनका अभिषेक किया. इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई महामंडलेश्वर उपस्थित थे.
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Mahakumbh 2025: संतोष दास जी महाराज उर्फ सतुआ बाबा का शनिवार को जगद्गुरु के तौर पर पट्टाभिषेक हुआ. प्रयागराज महाकुंभ में सीएम योगी आदित्यनाथ और अन्य साधु संतों की मौजूदगी में उन्हें यह उपाधि दी गई. जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने उनका अभिषेक किया. अवधेशानंद गिरि महाराज भी वहां उपस्थित थे.
महामंडलेश्वर किया गया था घोषित
संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा विष्णुस्वामी संप्रदाय की सतुआ बाबा पीठ के मुखिया हैं.इस संप्रदाय के प्रमुख को सतुआ बाबा के नाम से जाना जाता है और 2012 में छठें पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन यमुनाचार्य महाराज सतुवा बाबा के निधन के बाद उन्होंने सतुआ बबा पीठ की कमान संभाली. महामंडलेश्वर संतोष दास अक्सर सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ दिखते हैं. छठवें सतुआबाबा की कार्तिक पूर्णिमा 28 नवंबर 2011 में राजकोट के अस्पताल में निधन हुआ था. लेकिन 2011 में ही उन्होंने शिष्य संतोषदास को महामंडलेश्वर घोषित कर उत्तराधिकारी बनाया था.
संप्रदाय के 57वें आचार्य बने
महामंडलेश्वर संतोष दास विष्णु स्वामी संप्रदाय के 57वें आचार्य हैं. माना जाता है कि विष्णु स्वामी का जन्म 26 सौ साल पहले दक्षिण भारत के मदुरै जिले में हुआ था. वो बालरूप गोपाल के उपासक थे और शिष्य परंपरा विष्णु स्वामी संप्रदाय की शुरुआत उन्होंने की थी.इस पंथ के 50वें आचार्य दीक्षित प्रथम सतुआ बाबा महंत रणछोड़ दास ने 18वीं सदी में मणिकर्णिकाघाट पर सतुआ बाबा आश्रम बनाया था. उसके बाद महंत मोहनदासजी दूसरे सतुआ बाबा, महंत भोलादासजी तीसरे और महंत दामोदर दासजी चौथे सतुआ बाबा बने. उसके बाद महंत नरोत्तमदासजी पांचवें और यमुनाचार्य महाराज 1963 में छठवें सतुआ बाबा बने.
11 साल की उम्र में संन्यास
संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा ने 11 साल की उम्र में घर छोड़कर आध्यात्म में जुट गए थे.उनके गले में माला और शरीर पर पर पीला कपड़ा और जनेऊ पहचान के तौर पर दिखता है. सतुआ बाबा वाराणसी के मणिकर्णिका घाट स्थित सतुआबाबा आश्रम में रहते हैं. वाराणसी की रामकथा के दौरान उन्होंने युवा संन्यासी के तौर पर आध्यात्म की दुनिया में कदम रखा. उन्हें काशी विश्वनाथ का प्रतिनिधि भी माना जाता है.
महाकुंभ में अहम भूमिका
सतुआ बाबा श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर के रूप में भी सम्मानित हैं. महाकुंभ के आयोजन में सतुआबाबा को अहम भूमिका दी गई है. सतुआबाबा महाराज श्री का सभी विधि विधान के साथ जगतगुरु की पदवी से विराजमान किया गया.
योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति
अखिल भारतीय पंचतीनों अखाड़ा चतुष्संप्रदाय की तरफ से जगतगुरु विष्णुस्वामी सम्प्रदाचार्य पद के लिए सतुआ बाबा का यह पट्टाभिषेक समारोह रखा गया. अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजेन्द्रदासजी महाराज ने कई बड़े संत, महंत, आचार्य और महामंडलेश्वर उपस्थित थे.
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