Loksabha Election 2024: RLD पर सपा ने क्यों खेला बड़ा दांव, समझें जाटलैंड की इन 7 सीटों का समीकरण
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Loksabha Election 2024: RLD पर सपा ने क्यों खेला बड़ा दांव, समझें जाटलैंड की इन 7 सीटों का समीकरण

Loksabha Election 2024:  लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सियासी दल एक्टिव मोड में आ गए हैं. शुक्रवार को सपा ने अपनी सहयोगी पार्टी आरएलडी के साथ यूपी की सीटों पर समझौता किया है. आइए जानते हैं रालोद के खाते में गई सीटों का गुणा-गणित क्या है. 

Loksabha Election 2024: RLD पर सपा ने क्यों खेला बड़ा दांव, समझें जाटलैंड की इन 7 सीटों का समीकरण

Loksabha Election 2024: कहते हैं दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की इन्ही 80 सीटों पर सियासी दलों ने समीकरण साधना शुरू कर दिए हैं. सपा ने पहली चाल चलते हुए अपने सहयोगी दल आरएलडी के साथ सीटों के समझौते पर मुहर लगाई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक सपा ने राष्ट्रीय लोकदल को 7 सीटें दी हैं. साफ कर दें जयंत चौधरी को जो सीटें मिली हैं,  2019 में सपा को या तो इन पर शिकस्त झेलनी पड़ी थी या उस समय गठबंधन की साथी बसपा ने बाजी मारी थी. आइए आनते हैं इन सभी 7 सीटों के सियासी समीकरण क्या रहे हैं. 

जानकारी के मुताबिक सपा ने रालोद को जो 7 सात सीटें दी हैं, वह सभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हैं. आरएलडी का प्रभाव भी जाटलैंड में माना जाता है.  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सपा ने रालोद को बागपत, मथुरा, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, अमरोहा और कैराना लोकसभा सीट दी हैं. आइए देखते हैं 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में इन सीटों के परिणाम क्या रहे थे. बता दें कि2019 में सपा बसपा और आरएलडी का गठबंधन था, जिसके तहत सपा 37, बसपा 38 और आरएलडी 3 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. 

बागपत
बागपत सीट चौधरी परिवार के लिए बेहद खास मानी जाती है. इसे आरएलडी का गढ़ माना जाता है. यहां से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह 1977, 1980 और 1984 में सांसद चुने गए. इसके बाद उनके बेटे अजीत सिंह भी 7 बार इस सीट से सांसद रहे. वह आखिरी बार यहां से 2009 में जीते थे, इसके बाद 2014 और 2019 में यहां बीजेपी ने परचम लहराया. यहां से बीजेपी के सत्यपाल सिंह ने जीत हासिल की. उन्होंने जयंत चौधरी को हराया था. 

मथुरा
2014 में मथुरा लोकसभा सीट बीजेपी के खाते में गई  थी, जब यहां से हेमा मालिनी चुनाव जीती थीं. उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी को शिकस्त दी थी. आरएलडी दूसरे नंबर पर रही. 2019 में भी हेमा मालिनी यहां से सांसद चुनी गईं. उन्होंने आरएलडी के कुंवर नरेंद्र सिंह को हराया था. जबकि कांग्रस के महेश पाठक तीसरे स्थान पर रहे थे. 

अमरोहा
अमरोहा लोकसभा सीट पर मुस्लिमों के साथ जाटों का वर्चस्व माना जाता है. इस सीट ने चौंकाने वाले परिणाम दिए हैं. 2014 में यह सीट बीजेपी के खाते में गई थी. कंवर सिंह तंवर ने जीत हासिल की थी. सपा के हुमैरा अख्तर दूसरे नंबर पर जबकि बसपा तीसरे स्थान पर रही थी. 
इस सीट से आरएलडी ने राकेश टिकैत को उम्मीदवार बनाया था. 2019 में बाजी पलट गई और बसपा के दानिश अली यहां से जीतने में कामयाब हुए. 

कैराना
कैराना लोकसभा सीट शामली जिले में है. यह सीट भी जाट-मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती है. मौजदूा समय में यह सीट बीजेपी के पास है. यहां से भाजपा प्रत्याशी प्रदीप चौधरी ने सपा की तबस्सुम शेख शिकस्त देकर सांसद बने थे, जबकि कांग्रेस के हरेंद्र मलिक तीसरे स्थान पर रहे.  2014 में यहां से बीजेपी के हुकुम देव सिंह एकतरफा चुनाव जीते थे लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उपचुनाव में यह सीट  सपा-बसपा और आरएलडी समर्थित उम्मीदवार तबस्सुम शेख जीतने में कामयाब रहीं.

मुजफ्फरनगर
मुजफ्फरनगर सीट गठबंधन के लिए आसान नहीं रहने वाली है. यहां 2014 में बीजेपी प्रत्याशी संजीव बालियान को बसपा, सपा और कांग्रेस तीनों दलों के प्रत्याशियों से ज्याद वोट मिले थे. बसपा के कादिर राना दूसरे स्थान पर रहे थे. सपा के वीरेंद्र सिंह तीसरे नंबर पर और चौथे स्थान पर कांग्रेस के पंकज अग्रवाल चौथे स्थान पर रहे. 2019 में भी भाजपा के टिकट पर संजीव बालियान बाजी मारने में कामयाब हुए. उन्होंने आरएलडी के चौधरी अजित सिंह को करीबी अंतर 6526 वोटों से शिकस्त दी थी. इस सीट पर भी जाट-मुस्लिम वोटों को एकजुट करने की चुनौती होगी. 

बिजनौर
बिजनौर से मायावती, मीराकुमार समेत कई दिग्गज नेता चुनकर संसद पहुंचे. 2014 में भाजपा ने यह सीट सपा से कब्जा ली. भाजपा के डा.यशवंत सिंह ने सपा के यशवीर सिंह को हराया था. 2019 में यह सीट बसपा के खाते में गई. बीएसपी प्रत्यासी मलूक नागर ने बीजेपी के राजा भारतेंद्र सिंह को हराया था. वहीं कांग्रेस के नसीमुद्दीन सिद्दीकी 25833 वोटों के साथ तीसरे स्‍थान पर रहे. 

मेरठ
पश्चिमी यूपी की इस सीट पर बीजेपी का दबदबा माना जाता है. 2009, 2014 और 2019 के पिछले तीन लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से जीत हासिल की. बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल यहां से सांसद हैं. 2019 में बसपा के हाजी याकूब को हराकर तीसरी बार सांसद बने थे. 

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