Zee News Opinion Poll UP: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जनता के मूड को जानने के लिए जी न्यूज ने कोशिश की है. MATRIZE के ओपिनियन पोल में एनडीए उत्तर प्रदेश में जबरदस्त प्रदर्शन करता हुआ दिखाई दे रहा है.
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Zee News Opinion Poll UP: कहते हैं दिल्ली की गद्दी का रास्ता उत्तर प्रदेश के जरिए जाता है. सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले इस राज्य पर सभी राजनीतिक दलों की निगाहें रहती हैं. आगामी लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय बाकी नहीं रह गया है. जी न्यूज ने ओपिनियन पोल के जरिए जनता के मूड को भांपने की कोशिश की. ZEE NEWS & MATRIZE के ओपिनियन पोल में एनडीए को एकतरफा जीत मिलती दिख रही है. हालांकि ये महज अनुमान है चुनावी नतीजे नहीं.
ZEE NEWS & MATRIZE ओपिनयन पोल राज्यसभा चुनाव से पहले और विपक्षी गठबंधन बनने के बाद 5 फ़रवरी से 27 फरवरी के बीच किया गया. बात उत्तर प्रदेश की करें तो इस राज्य ने देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिए हैं. मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी की वाराणसी सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं.
ओपिनियन पोल के आंकड़ों को देखने से पहले यूपी के हालिया सियासी माहौल को समझते हैं. सूबे में आगामी लोकसभा चुनाव में लड़ाई त्रिकोणीय नजर आ रही है, जिसमें एकतरफ सीएम योगी और पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी है, वहीं दूसरी ओर गठबंधन में चुनाव लड़ रहे सपा और कांग्रेस. इसके अलावा बसपा सुप्रीमो मायावती अकेले चुनावी ताल ठोक रही हैं.
ओपिनयन पोल में कितनी सीटें मिल रहीं
ZEE NEWS & MATRIZE के ओपिनियन पोल में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 78 सीटें एनडीए के खाते में जाती दिख रही हैं. जबकि इंडिया गठबंधन मजह दो सीटों पर जीतती नजर आ रही है. ओपिनियन पोल में एनडीए गठबंधन एकतरफा जीत दर्ज करता नजर आ रहा है, वहीं गठबंधन को नुकसान होता दिखाई दे रहा है.
किसे कितना वोट शेयर
ZEE NEWS & MATRIZE के ओपिनियन पोल के मुताबिक एनडीए को यूपी में 50 प्रतिशत वोट से ज्यादा मिलने का अनुमान है. सर्वे में एनडीए को 58 फीसदी वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं. वहीं गठबंधन को 32 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. इसके अलावा बसपा को 8 फीसदी और अन्य को 2 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. हालांकि स्पष्ट कर दें कि ये केवल अनुमान है, फाइनल नतीजे नहीं.
इसके अलावा सर्वे में यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी की सरकार बनने को लेकर भी सवाल पूछे गए. जिसमें सबसे ज्यादा 36 प्रतिशत लोगों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के कामकाज को इसकी वजह बताया. 26 प्रतिशत लोगों ने सुशासन और राशन योजना को इसका कारण मानते हैं. जबकि 12 फीसदी लोग डबल इंजन सरकार को इसकी वजह मानते हैं. इसके अलावा 10 फीसदी लोग विपक्ष में बिखराव, 8 प्रतिशत बीजेपी का चुनाव प्रबंधन और 6 प्रतिशत सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और 2 फीसदी लोग अन्य वजहों को बीजेपी के जीतने की वजह मानते हैं.
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