Meerut HIV Infected Patient: यूपी के मेरठ में HIV संक्रमितों की संख्या बहुत तेज गति से बढ़ रही है. पिछले 16 माह में एचआईवी के बढ़ते मामलों ने सरकार और प्रशासन को चौंकाया है. जानें क्या है पूरा मामला?.
Trending Photos
Meerut HIV News: मेरठ मेडिकल कॉलेज से हैरान करने वाली खबर आई है. मेडिकल कॉलेज के एआरटी यानी एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर ने यह चौकाने वाला खुलासा किया है. इस विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 16 महीनों में कुछ 81 महिलाओं में HIV पॉजिटिव पाया गया है. इनमें से 35 महिलाएं पहले से संक्रमित थीं. साल 2022 और 2023 में प्रसव के दौरान कुल 33 नए मामले सामने आए हैं जबकि पैंतीस महिलाएं पहले से ही इस रोक से संक्रमित थीं. यानी एक साल में 68 महिलाओं में एचआईवी पॉजिटिव की पुष्टि हुई है. साल 2023 में अब तक 13 महिलाओं में एचआईवी पॉजिटिव की पुष्टि हुई है.
खबर विस्तार से
मेरठ मेडिकल कॉलेज के एआरटी यानि एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. बताया गया कि सोलह महीने में अब तक कुल 81 महिलाओं में एचआईवी की पुष्टि हुई है जिसमें से पैंतीस महिलाओं में पहले से ही इस रोग से ग्रसित थीं. अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक कुल 33 नए केस प्रसव के दौरान पाए गए हैं. जबकि पैंतीस महिलाएं पहले से ही इस गंभीर बीमारी से ग्रसित थीं. यानि एक साल में 68 महिलाओं में एचआईवी की पुष्टि हुई है. जबकि इस वर्ष प्रसव कराने आईं कुल तेरह महिलाओं में एचआईवी की पुष्टि हुई है.
ये खबर भी पढ़ें- 'Lappu Sa Sachin' Viral Song: लप्पू सा सचिन, झींगुर सा लड़का... सीमा हैदर और सचिन की लवस्टोरी पर ये गाना सुना क्या?
पिछले 16 महीने में आए इतने मामले
यानि अगर 16 महीने के नए केसेज़ की बात की जाए तो कुल 46 नए केस एचआईवी के आए हैं जबकि 35 केस पहले से ही रजिस्टर्ड थे. ये आंकड़े अकेले मेरठ के नहीं बल्कि आसपास के ज़िलों के भी हैं. क्योंकि यहां मेरठ के आसपास से कई जि़लों के मरीज दिखाने आते हैं. इसलिए कई ज़िलों के मरीज़ों का ये आंकड़ा है. एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी बताते हैं कि अब इन महिलाओं के शिशुओं की भी जांच अट्ठारह महीने बाद की जाएगी. अट्ठारह महीने की उम्र होने पर ही बच्चों का टेस्ट किया जाता है. उसके बाद एचआईवी पॉज़िटिव या निगेटिव होने की पुष्टि होती है.
क्या बोले सीएमओ?
मेरठ के सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन ने प्रसव के दौरान महिलाओं में एचआईवी पाए जाने की पुष्टि की है. डॉक्टर अखिलेश मोहन ने कहा कि इस बावत एक जांच कमेटी भी बनाई गई है. गौरतलब है कि एचआईवी पॉज़िटिव मरीज़ों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है. दूषित सिरिंज या ब्लेड आदि का प्रयोग संक्रमति मरीज़ के रक्त का इस्तेमाल असुरक्षित तरीके से टैटू बनवाना असुरक्षित यौन संबंध आदि से एचआईवी होने का ख़तरा रहता है. एचआईवी पॉज़िटिव व्यक्ति के निकट संपर्क से नहीं फैलता है.
Watch: क्या उत्तरकाशी की इस गुफा में रहे थे पांडव, 2 साधुओं को मिले चौंकाने वाले प्रमाण