Rule Change in February: 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश कर दिया गया. पिछले बजट में यूपी को 3.61 लाख करोड़ रुपये मिले थे. वहीं, इस बार 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बजट उत्तर प्रदेश को मिला है.
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Rule Change in February: एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने केंद्रीय बजट पेश किया. केंद्रीय बजट 2025 में यूपी को चार लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं. फरवरी महीने में कुछ नियमों में भी बदलाव होने जा रहे हैं. इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ सकता है. तो आइये जानते हैं फरवरी में कौन-कौन से नियम बदल रहे हैं या नये नियम कौन से शामिल हो रहे हैं?....
सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी को लेकर नये नियम
योगी सरकार अपने कर्मचारियों के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. माना जा रहा है कि फरवरी महीने से छुट्टी और सेवा संबंधी सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन पूरी करना अनिवार्य होगा. यह प्रावधान उत्तर प्रदेश के 8.5 लाख राज्य कर्मियों पर लागू किया जाएगा.
मानव संपदा पोर्टल पर देनी होगी सूचना
प्रदेश की योगी सरकार कई बार राज्य कर्मियों के लिए निर्देश जारी कर चुकी है. इसमें वह मानव संपदा पोर्टल के जरिये ही छुट्टी के लिए आवेदन करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही बाल्य देखभाल अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) भी शामिल है. ट्रांसफर होने पर नई जगह ज्वाइनिंग और पुरानी जगह से रिलीविंग की प्रक्रिया भी ऑनलाइन पूरी कर सकते हैं. सेवा पुस्तिका भी ऑनलाइन करने के निर्देश दिए गए हैं.
राशन कार्ड धारकों को लेकर ये नियम
यूपी में राशन संबंधी नियमों में भी बदलाव किया जा रहा है. योगी सरकार ने राशन कार्ड लाभार्थियों को 31 जनवरी तक केवाईसी प्रोसेस पूरा करने के निर्देश दिए थे. केवाईसी न करने वालों का राशन का लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि, माना जा रहा है कि योगी सरकार केवाईसी अपडेट करने की तारीख बढ़ा सकती है.
सरकारी कर्मचारियों के लिए भी नियम बदले
यूपी में सरकारी कर्मचारियों के लिए भी नियम बदल गए हैं. Salary of state employees: उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के बाद भी राज्यकर्मी संपत्तियों का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन देने में आनाकानी करने वालों की इस महीने की सैलरी रूक सकती है. संपत्तियों का ब्योरा देने की आखिरी तारीख आज यानी 31 जनवरी थी.समय पर संपत्तियों का ब्योरा नहीं देने पर कार्रवाई की तैयारी है. कार्मिक विभाग इस संबंध में जल्द ही स्पष्ट आदेश जारी करने की तैयारी कर रहा है. यूपी में 8.32 लाख राज्य कर्मचारी हैं. इनमें से मात्र 4.33 लाख कर्मियों ने ही अपनी संपत्तियों की डिटेल दी है. ये आंकड़ा करीब 52 फीसदी के आसपास है. शासन के सूत्रों के मुताबिक, संपत्तियों का ब्यौरा न देने वाले कर्मियों के संबंध में फरवरी के बाद सख्त आदेश जारी कर कार्रवाई की जा सकती है.
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