Shivpal Yadav on Swami Prasad Maurya Controversy:स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनका रामचरितमानस विवाद पर समर्थन किया था. वहीं, मंगलवार को सपा महासचिव शिवपाल यादव उनके बयान से किनारा काटते नजर आए.
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Shivpal Yadav on Swami Prasad Maurya Statement: समाजवादी पार्टी के MLC स्वामी प्रसाद मौर्य अपने विवादित बयानों के चलते लगातार चर्चा में बने हुए हैं. कुछ लोग उनके द्वारा दिए गए बयानों का विरोध कर रहे हैं. जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई लोग उनके समर्थन में भी उतरे हैं. इसी बीच समाजवादी पार्टी के महासचिव शिवपाल यादव ने एक बयान दिया है. जिसमें वह स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों से पल्ला झाड़ते नजर आए.
"स्वामी प्रसाद का व्यक्तिगत स्टेटमेंट है"
दरअसल, शिवपाल यादव वाराणसी में एक एक निजी कार्यक्रम से शामिल होने गए थे. लौटते वक्त उन्होंने जौनपुर में पत्रकारों से बातचीत की. उन्होंने रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के जवाब में केशव प्रसाद मौर्य द्वारा दिये गए बयान पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास कोई मुद्दा नहीं है. भाजपा केवल जनता को भड़काने में लगी हुई है. स्वामी प्रसाद का व्यक्तिगत स्टेटमेंट है. यह पार्टी का स्टेटमेंट नहीं है. रामचरितमानस पर जो मौर्य का बयान जो मेरे सामने आया है, उसकी जांच होगी.
भाजपा पर जमकर बोला हमला
शिवपाल यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने कहा उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग फालतू में उसे तूल दे रहे हैं. मैनपुरी में हुए चुनाव में बहुत बातें बोल रहे थे. वहां की जनता ने इनको सबक सिखा दिया है. आगे आने वाले चुनाव में हम उनको सबक सिखा देंगे. बीजेपी ने जो भी वादे किए थे, कहीं कोई खास काम नहीं किया. यह केवल जनता को गुमराह कर रहे हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी में दोबारा वापसी पर उन्होंने कहा कि संगठन के आदमी रहे हैं, हमें जो पद दिया है हम उसके जरिए पार्टी को मजबूत बनाने का काम करेंगे. उन्होंने दावा किया कि 2024 के चुनाव में हम फिर सत्ता में आएंगे. हमारे मुद्दे शिक्षा, बेरोजगारी आदि है. देश की जनता इनके वादों से त्रस्त हो चुकी है.
अखिलेश ने मौर्य का किया था समर्थन
रामचरित मानस पर विवादित बयान देने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर कार्रवाई की बजाय पार्टी ने उनका कद बढ़ा दिया है. मौर्य के खिलाफ हो रहे विरोध के बीच उनका ओहदा बढ़ाए जाने को लेकर अखिलेश यादव ने सोमवार को सफाई दी. उन्होंने कहा, हम भगवान श्री राम के विरोध में नहीं हैं और न ही रामचरितमानस के, लेकिन जो चौपाई है उसे कोई पढ़कर सुनाए. अखिलेश यादव ने कहा, वो सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से भी कहेंगे कि वो ये चौपाई पढ़कर सुनाएं. वो धार्मिक जीवन से राजनीतिक जीवन में आए हैं. सीएम से सदन में पूछूंगा कि हम शूद्र हैं या नहीं.
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