डासना जेल अधीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना काल में वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए छोड़ा गया था. ताकि जेलों में सोशल डिस्टेंस मेंटेन किया जा सके. कुछ बंदियों को अंतरिम बेल पर और कुछ कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था.
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पीयूष गौड़/गाजियाबाद: कोरोना काल में गाजियाबाद की डासना जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था. जिनमें से बड़ी संख्या में कैदी दोबारा गाजियाबाद जेल नहीं पहुचे हैं. जिनमें यूपी के कई जिलों के साथ अन्य राज्यों के भी कैदी शामिल हैं. अब डासना जेल प्रशासन पैरोल पर न लौटने वाले कैदियों की दोबारा गिरफ्तारी के प्रयास में जुटा है.
पैरोल पर बाहर आए थे 123 कैदी
इस पूरे मामले में डासना जेल अधीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना काल में वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए छोड़ा गया था. ताकि जेलों में सोशल डिस्टेंस मेंटेन किया जा सके. कुछ बंदियों को अंतरिम बेल पर और कुछ कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था. डासना जेल से कुल 123 सिद्ध दोष बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था, जो 7 साल तक की सजा वाले थे. इसमें अलग-अलग राज्यों के भी बंदी हैं. इन 123 कैदियों में से 2 कैदियों की मृत्यु हो चुकी है. जबकि 11 कैदी जमानत ले चुके हैं.
2 महिला कैदियों ने भी नहीं किया सरेंडर
डासना जेल प्रशासन के मुताबिक, कुल 12 महिलाओं को भी कोरोना काल में जमानत पर छोड़ा गया था. जिनमें से 2 महिलाओं ने भी अभी तक सरेंडर नहीं किया. जिनकी गिरफ्तारी के लिए डासना जेल प्रशासन दोबारा प्रयास कर रहा है. जिसके लिए जेल प्रशासन द्वारा संबंधित पुलिस को सूचना दी गई है.
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