Farrukhabad: फर्रुखाबाद के किसान का कमाल! आलू के लिए प्रसिद्ध जिले में उगा दी सेब की फसल, कमाएंगे मोटा मुनाफा!
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Farrukhabad: फर्रुखाबाद के किसान का कमाल! आलू के लिए प्रसिद्ध जिले में उगा दी सेब की फसल, कमाएंगे मोटा मुनाफा!

 Farrukhabad news:  आलू के लिए जाने जाने वाला फर्रुखाबाद शहर अब सेब और अंजीर के लिए भी जाना जाएगा. यहां के एक किसान ने अपने खेत में अंजीर के बाद अब सेब की खेती की है. 

Farrukhabad: फर्रुखाबाद के किसान का कमाल! आलू के लिए प्रसिद्ध जिले में उगा दी सेब की फसल, कमाएंगे मोटा मुनाफा!

अरुण सिंह/फर्रुखाबाद: आम के आम और गुठलियों के दाम यह कहावत तो आपने सुनी होगी. इन दिनों फर्रुखाबाद के कमालगंज में यह चरितार्थ होती दिखाई दे रही है. कोशिश रंग लाई तो आलू के लिए जाने जाने वाला शहर अब सेब और अंजीर के लिए भी जाना जाएगा. यहां के एक किसान ने अपने खेत में अंजीर के बाद अब सेब की खेती की है. 

इजराइल से अन्ना किस्म के सेब फर्रुखाबाद में पौध के तौर पर लाई गई. किसान बबलू राजपूत ने अपने गांव नगरिया देवरामपुर में सेब और अंजीर की फसल उगाना शुरू किया, शुरू में लोगों ने उनको मूर्ख समझते हुए कहा कि यह फसल यहां कैसे हो सकती है क्योंकि वातावरण इन फसलों का नहीं है लेकिन उन्होंने इस काम को करने की ठानी. बबलू राजपूत की मुहिम ने रंग लाना शुरू कर दिया है.

किसान ने यह साबित कर दिया कि फसल उगाने का जज्बा होना चाहिए, पैसा अपने आप आने लगता है. 5 बीघा जमीन में इसराइल से लाए गए अन्ना किस्म के पौधे लगाए गए. अब इन सेब के पेड़ों पर फल लगे हैं. 2021-22 में अंजीर के पौधे लगाए गए पहले साल में अंजीर की बिक्री के तौर पर 55 हजार रुपये से शुरू हुई तो अगले साल 125 किलो अंजीर निकाल कर उन्होंने बाजार में बेच दिया. जितने में फर्रुखाबाद का किसान आलू गेहूं और मक्का उगाकर पैदा करता था उतने में बबलू राजपूत ने एक फसल में पैदा कर लिया.

मात्र 2 लाख रुपये की लागत से लगाई गई पौध ने अब किसान को फल देना शुरू कर दिया है. सेब के बाग भी लगभग तैयार हैं. 15 जून के बाद अब इनसे वो को तोड़कर बाजार में बेचना शुरू हो जाएगा. हालांकि 5 बीघा में ही फसल उड़ रही है लेकिन फिर भी यह फसल जब पेड़ों पर लटक रही है तो अपने आप में ही एक सुंदरता भी खेती नजर आ रही है.

बागवानी के इस प्रयास में लगातार जिले के वैज्ञानिक और कृषि अधिकारी सहयोग करते रहे. वहीं, फसल का लाभ यह भी मिला कि पेड़ों के बीच में आलू की फसल भी बबलू राजपूत में उगाई और 5 बीघा में 200 पैकेट आलू निकाल कर बेच लिया. 

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