सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए सभी जरूरी प्रयास करने के साथ उपकरण की जरूरत, ट्रेनिंग सहित सभी जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के निर्देश दिए.
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लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गृह विभाग की उच्चस्तरीय बैठक की. जिसमें पुलिस अग्निशमन, महिला सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर दिशा-निर्देश दिए.
प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध निर्माण, खरीद-फ़रोख़्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के खिलाफ अभियान को तेज करने की जरूरत है. इसके लिए संवेदनशील जिलों में सतर्कता और इंटेलिजेंस को और बेहतर करना होगा. अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाई जाए. गृह विभाग के साथ-साथ नगर विकास व ग्राम्य विकास विभाग को भी इस अभियान में सहयोग करना होगा. ड्रग माफिया के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए.
सीमावर्ती जिलों में प्रदेश की पुलिस व एसएसबी के दल के साथ जॉइन्ट पेट्रिलिंग कराई जाए. एसएसबी के साथ बेहतर समन्वय बनाये रखें. आज के दौर में साइबर सिक्योरिटी अहम विषय है. पुलिस परिक्षेत्र के बाद अब प्रदेश के हर जिले में एक साइबर क्राइम थाना की स्थापना की आवश्यकता है. इस बारे में जल्द विस्तृत प्लान तैयार कर प्रस्तुत करें.
उत्तर प्रदेश पुलिस देश का सबसे बड़ा नागरिक पुलिस बल है. उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी प्रोफेशनल दक्षता, योग्यता और कार्यकुशलता के लिए आज देश-दुनिया में सराहना प्राप्त कर रही है. पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जायें. उपकरण की जरूरत हो या ट्रेनिंग की, सभी आवश्यकताओं की पूर्ति तत्काल कराई जाए.
उत्तर प्रदेश, नेपाल राष्ट्र के साथ-साथ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार और दिल्ली से अपनी सीमा साझा करता है. विकास और सुरक्षा के लिहाज से सीमा प्रबंधन महत्वपूर्ण विषय है. सीमावर्ती जिलों में थाना, तहसील, विकास खंड सहित जिला प्रशासन में युवा, विजनरी, और ऊर्जावान अधिकारियों की तैनाती की जाए. यहां सभी विभागों में जरूरी मानव संसाधन की उपलब्धता रहे.
सभी सीमावर्ती जिलों में केंद्र व राज्य सरकार की लाभार्थीपरक योजनाओं का 100% संतृप्तिकरण सुनिश्चित करें. हर पात्र जरूरतमंद को सरकार की योजनाओं का लाभ जरूर मिले. इन जिलों में योजनाओं की प्रगति की अलग से समीक्षा की जानी चाहिए.
सीमावर्ती जिलों में समीपवर्ती राज्य/राष्ट्र से आवागमन होता रहता है. ऐसे में यह जिले अन्य राज्य/राष्ट्र के लिए हमारे ब्रांड एम्बेसेडर सरीखे होते हैं. यह आवश्यक है कि यहां प्रशासन का व्यवहार सहयोगपूर्ण हो. इन जिलों में मंडी, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, अच्छे स्कूल, बेहतर परिवहन व्यवस्था होनी चाहिए, इस दिशा में नियोजित प्रयास किया जाए.
सीमावर्ती जिलों में प्रदेश की पुलिस व एसएसबी के दल के साथ जॉइन्ट पेट्रिलिंग कराई जाए. एसएसबी के साथ बेहतर समन्वय बनाये रखें. आज के दौर में साइबर सिक्योरिटी अहम विषय है. पुलिस परिक्षेत्र के बाद अब प्रदेश के हर जिले में एक साइबर क्राइम थाना की स्थापना की आवश्यकता है. इस बारे में जल्द विस्तृत प्लान तैयार कर प्रस्तुत करें.
लखनऊ में निर्माणाधीन फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट के कार्य में तेजी की अपेक्षा है. गांधीनगर, गुजरात स्थित नेशनल फॉरेंसिक यूनिवेसर्टी के सहयोग से यहां के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री पाठ्यक्रम तैयार कराये जाएं. अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने की व्यवस्था को और व्यवहारिक बनाए जाने के लिए इसमें बदलाव की आवश्यकता है। इसके साथ-साथ अन्य आवश्यक बदलावों को अंगीकार करते हुए फायर एक्ट को और बेहतर बनाया जाना चाहिए.