Wedding Season 2023: पिछले साल शादियों में अच्छा व्यापार हुआ था. इस बार भी व्यापारी शादी सीजन को लेकर काफी उत्साहित हैं.
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Wedding Season 2023: इस साल मकर संक्रांति (Makar Sankranti) यानी 14 जनवरी के बाद से शादियों का सीजन शुरू हो रहा है. जो करीब 6 महीने तक चलेगा. जनवरी से जून माह तक यूपी समेत कई राज्यों में लगभग 70 लाख शादियां होने का अनुमान है. पिछले साल शादियों के सीजन में हुए जोरदार व्यापार से उत्साहित होकर इस बार भी व्यापारी बड़ा व्यापार करने की तैयारी में हैं.
अकेले दिल्ली में 8 लाख शादियां
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि अकेले दिल्ली में इस सीजन में लगभग 8 लाख से ज्यादा शादियां होने का अनुमान है. इससे दिल्ली में ही लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये के व्यापार की संभावना है. पिछले साल नवंबर से दिसंबर तक के महीने में शादियों के चरण में लगभग 32 लाख शादियां हुई थीं और लगभग 3.75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार हुआ था.
ये हैं शादियों का ग्रॉफ
भरतिया और खंडेलवाल ने बताया कि शादी के इस सीजन में लगभग 10 लाख शादियों में प्रत्येक शादी में लगभग 3 लाख रुपये खर्च होंगे. लगभग 10 लाख शादियों में प्रति शादी खर्च लगभग 5 लाख प्रति शादी होगा. 15 लाख शादियां जिनमें 10 लाख प्रति शादी, 10 लाख शादियां जिनमें 15 लाख प्रति शादी, 10 लाख शादियां जिनमें 25 लाख प्रति शादी, 10 लाख शादियां जिनमें 35 लाख प्रति शादी, 3 लाख शादियां जिनमें लगभग 50 लाख प्रति शादी और 2 लाख शादियां ऐसी होंगी जिनमें 1 करोड़ या उससे अधिक धन खर्च होगा. तो कुल मिलाकर इस एक महीने के शादी के सीजन में लगभग 13 लाख करोड़ रुपये का धन प्रवाह बाजारों में इस साल शादी की खरीदी के माध्यम से होना संभावित है.
व्यापारियों में उत्साह
वहीं, कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि इस बार देशभर के व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां की हैं. पिछली बार हुए रिकॉर्ड कारोबार से उपजे उत्साह को बाजारों में बरकरार रखने के सभी प्रबंध किए जा रहे हैं. इसको लेकर तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं.
किस महीने कितनी शादियां
बताया की तारों की गणना के अनुसार, जनवरी में 9 दिन, फरवरी में 14 दिन, मार्च में 6 दिन, मई में 13 दिन तथा जून में 11 दिन शादियों के मुहूर्त के दिन हैं. कुल मिलाकर यह 53 दिन मुहूर्त के हैं. सनातन धर्म के अलावा आर्यसमाज, सिख बंधु, पंजाबी बिरादरी, जैन समाज सहित देश में अन्य कई वर्ग हैं जो मुहूर्त के बारे में विचार नहीं करते वह भी इस सीजन में तथा इसके अलावा अन्य दिनों में भी लोग शादी समारोह आयोजित करेंगे.
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