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Alwar Temple Demolition latest Update: राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़े जाने का मामला गहराता जा रहा है. इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है. अब विवाद में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी की भी एंट्री हो गई है. ओवैसी ने अलवर में मंदिर तोड़े जाने का आरोप गहलोत सरकार के साथ-साथ भाजपा पर भी लगाया है.
ओवैसी ने कहा कि मंदिर को ढहाने का निर्णय भाजपा की अध्यक्षता में लिया गया था और कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार द्वारा स्वीकार किया गया था. सबसे पहले, भाजपा को अपनी ही पार्टी के उन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो उस बोर्ड में बहुमत रखते हैं. आरएसएस को चाहिए कि वह पहले नगर निगम बोर्ड में अपने ही सदस्यों द्वारा लिए गए फैसले के लिए माफी मांगे. उन्हें पहले इसकी निंदा करनी चाहिए.
राजस्थान सरकार को जनता से माफी मांगनी चाहिए और भाजपा को भी माफी मांगनी चाहिए क्योंकि वहां(राजगढ़, अलवर) नगर पालिका बोर्ड में भाजपा का बहुमत है और कांग्रेस सरकार ने भी प्राचीन मंदिर टूटने दिया इसलिए दोनों बराबर ज़िम्मेदार है: अलवर मंदिर विवाद पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी pic.twitter.com/P5ZyYq60rv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 23, 2022
दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर ओवैसी ने कहा कि मस्जिद को गिराने के लिए फिर से बुलडोजर भेजा गया था. एक मुस्लिम इमारत को तोड़ा गया, जबकि अगले मंदिर को नहीं तोड़ा गया. दिल्ली में उनका कोई नोटिस नहीं तामील किया गया. मध्य प्रदेश में भी नोटिस नहीं दिया गया था. अलवर की घटना के लिए कांग्रेस सरकार और भाजपा की समान रूप से निंदा की जानी चाहिए.
कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद को लेकर ओवैसी ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि जिन छात्रों ने हिजाब के साथ अनुमति नहीं होने पर अपनी परीक्षा नहीं दी, यह उनकी इच्छा है और यह उनका निजता का अधिकार है.
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