Ajit Pawar News: एनसीपी नेता अजित पवार की भूमिका को लेकर पिछले कई समय से सवाल पार्टी में उठ रहे हैं. ऐसे में सीएम द्वारा पवार के लिए सरकारी विमान उपलब्द कराने के बाद अटकलें काफी बढ़ गई हैं.
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Maharashtra Politics News: क्या महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया भूचाल आने वाला है? एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख जब एक साल से अधिक समय के बाद बुधवार को जेल से बाहर आए तो उनके स्वागत के विपक्ष के नेता अजीत पवार मौजूद थे. उनकी मौजूदगी के बाद ही राज्य की राजनीति में ‘कुछ होने’ की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
दरअसल अजित पवार राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए एक विमान से यहां पहुंचे थे. इस बात के सामने साथ ही वह पुराना सवाल फिर से पूछा जाने लगा कि क्या शिंदे सेना-भाजपा सरकार द्वारा पवार जूनियर के लिए किया गया यह प्रबंध महज एक शिष्टाचार था?
अजित पवार ने दी यह सफाई
हालांकि पवार ने खुद इस मुद्दे को तवज्जो नहीं दी. उन्होंने कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से एक दिन के लिए व्यापार सलाहकार समिति की बैठक स्थगित करने का अनुरोध किया था. जब उन्होंने कारण पूछा, तो मैंने उन्हें मुंबई यात्रा (अनिल देशमुख से मिलने) के बारे में बताया. उन्होंने बैठक को आगे बढ़ाने की पेशकश की और कहा कि मैं दिन में बाद में एक सरकारी हवाई जहाज से मुंबई जा सकता हूं.’
हालांकि, पवार का स्पष्टीकरण, अटकलों को खत्म नहीं कर सका खासकर महा विकास अघडी (एमवीए) गठबंधन भीतर जिसमें पवार की अपनी पार्टी भी शामिल थी, जो शिंदे सेना-बीजेपी की सरकार को गिराने से अभी भी प्रभावित थी. 2019 के चुनाव के अनिर्णायक परिणाम के बाद से एनसीपी नेता की ढुलमुल वफादारी को देखते हुए पवार द्वारा शिंदे की पेशकश को निर्विवाद रूप से स्वीकार किए जाने को भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है.
यह सबको याद है कि कैसे पवार ने नए एमवीए को बीजेपी के लिए छोड़ दिया था और फडणवीस ने सीएम और पवार ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली थी. हालांकि यह व्यवस्था सिर्फ तीन दिनों तक चली थी, लेकिन फडणवीस के साथ पवार की निकटता को लेकर चर्चाएं उठती रहती हैं.
विधानसभा सत्र में पवार की भूमिका सवालों के घेरे में
अजीत पवार को लेकर बेचैनी पिछले हफ्ते विधानसभा सत्र में भी दिखाई दी थी, जब एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ विधायक जयंत पाटिल विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया. जहां पाटिल ने इस पर माफी मांगने से इनकार कर दिया, वहीं पवार ने फौरन ऐसा कर दिया.
माना जाता है कि अगली सुबह, एनसीपी सुप्रीमो, शरद पवार ने अजीत पवार की खिंचाई करते हुए उनसे पूछा कि उन्होंने पाटिल के निलंबन को क्यों हो जाने दिया लेकिन इसके बावजूद अजित पवार ने केवल एक बार निलंबन रद्द करने का अनुरोध किया, जब फडणवीस ने सदन को बताया कि शिंदे के दिल्ली से लौटने के बाद निर्णय लिया जाएगा, तो उन्होंने चुपचाप सहमति व्यक्त कर दी. बता दें पाटिल और पवार को एनसीपी के भीतर प्रतिस्पर्धी के रूप में देखा जाता है, और माना जाता है कि पाटिल विपक्ष के नेता के पद के लिए दौड़ में थे जो पवार के पास गया था.
इस बात को लेकर भी सुगबुगाहट है कि सदन में पवार के नेतृत्व वाले विपक्ष के निशाने पर सिर्फ शिंदे सेना के नेता ही लगते हैं. इस सत्र में चार लोगों पर पर विपक्षी हमले हुए, इनमें शिंदे, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार, उद्योग मंत्री उदय सामंत और खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री संजय राठौड़ शामिल हैं. कुछ नेताओं का कहना है कि बीजेपी, विशेष रूप से फडणवीस, एनसीपी को शिंदे समूह के मंत्रियों के खिलाफ जानकारी प्रदान कर रहे थे.
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