तनाव और कैंसर का गहरा कनेक्शन! शरीर में ट्यूमर का हो सकता है जन्म, डॉक्टर ने दी बड़ी चेतावनी
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तनाव और कैंसर का गहरा कनेक्शन! शरीर में ट्यूमर का हो सकता है जन्म, डॉक्टर ने दी बड़ी चेतावनी

आज के दौर में प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड और अनहेल्दी लाइफस्टाइल ने स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं पैदा कर दी हैं. इन्हीं में से एक गंभीर समस्या है पेट का कैंसर, जो भारत में तेजी से बढ़ रही है.

तनाव और कैंसर का गहरा कनेक्शन! शरीर में ट्यूमर का हो सकता है जन्म, डॉक्टर ने दी बड़ी चेतावनी

आज के आधुनिक जीवन में प्रोसेस्ड और जंक फूड खाने का चलन सेहत के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है. इससे मोटापा, किडनी की समस्याएं, पेट का कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं. भारत में पेट का कैंसर एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौती के रूप में तेजी से उभर रहा है.

रोजमर्रा के कई फैक्टर पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं. इसमें डाइट से लेकर तनाव और जागरूकता की कमी भी शामिल है. पुणे स्थित रूबी हॉल क्लिनिक में ऑन्कोसर्जरी विभाग की जूनियर कंसल्टेंट डॉ. जस्मिन अग्रवाल ने इंडिया डॉट कॉम से बातचीत में कुछ रिस्क फैक्टर के बारे में चर्चा की, जो पेट के कैंसर का कारण बन सकते हैं. आइए जानते हैं उन्हें.

डाइट संबंधी अनहेल्दी आदतें: प्रोसेस्ड फूड, नमकीन स्नैक्स और फलों और सब्जियों से रिट कम डाइट पेट के कैंसर के खतरे को काफी बढ़ा देते हैं.

हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण: यह पेट की परत का एक सामान्य बैक्टीरियल संक्रमण भारत में एक प्रमुख रिस्क फैक्टरक है, जो अक्सर अपर्याप्त स्वच्छता से जुड़ा होता है.

धूम्रपान और शराब का सेवन: तंबाकू का सेवन और ज्यादा शराब का सेवन पेट के कैंसर के विकास में महत्वपूर्ण फैक्टर हैं.

बढ़ती मोटापा दर: आबादी में बढ़ते मोटापे को पेट के कैंसर के बढ़ते खतरे से जोड़ा गया है.

जेनेटिक्स: पेट के कैंसर का पारिवारिक इतिहास या जेनेटिक प्रवृत्तियां कुछ व्यक्तियों को ज्यादा सेंसिटिव बना सकती हैं.

लंबे समय तक चलने वाला तनाव: तनाव और पेट का कैंसर सीधे तौर पर संबंधित नहीं हैं. यह केवल लंबे समय तक चलने वाले और अनियंत्रित तनाव का प्रभाव है, जो अनहेल्दी लाइफस्टाइल ऑप्शन की ओर ले जाता है, जिससे आगे चलकर कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. लंबे समय तक चलने वाला तनाव पूरी सेहत को नेगेटिव  रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे अक्सर खराब खान-पान और मादक पदार्थों के सेवन जैसी अनहेल्दी लाइफस्टाइल अपनाई जाती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

बीडीआर फार्मास्युटिकल्स के टेक्निकल डायरेक्टर डॉ. अरविंद बडिगर का कहना है कि एंटीबायोटिक्स, वैक्सीन और टारगेटेड थेरेपी जैसी मेडिकल प्रगति से इस बीमारी के इलाज और शुरुआती पहचान में मदद मिल रही है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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