Seafood For Diabetic Patient: अक्सर ऐसा कहा जाता है कि प्रकृति की गोद में सेहत का खजाना छिपा है, लेकिन हमें इसका सही इस्तेमाल करना नहीं आता है. समंदर में भी कई जीव ऐसे होते हैं, जिन्हें हम खाते हैं इसे हम सीफूड या समुद्री भोजन कहते हैं. बहुत लोग सीफूड खाने के शौकीन होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर इन चीजों को सही तरीके से न तैयार किया जाए तो ये आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है, और अगर अच्छी तरह से पकाया जाए तो आपका स्वास्थ्य बना सकता है.
सीफूड में जरुरी पोषक तत्व (Nutrients) जैसे प्रोटीन, विटामिंस, ओमेगा-3 आदि भारी मात्रा में पाए जाते हैं. ये सेहत के लिए बहुत लाभकारी हैं. आइए जानते हैं कि क्या है सीफूड खाने और बनाने का सही तरीका जिससे डायबिटीज के मरीजों को फायदा हो सकता है.
साल्मन (Salmon) टेस्ट और हेल्थ दोनों का परफेक्ट मिक्सचर है. ये खाने में बहुत टेस्टी होती है. न्यूट्रिएन्ट्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है. लेकिन साल्मन पकाने से पहले ध्यान रखें कि काटते वक्त छोटा कट ही लगाएं. साथ में नींबू-पानी लेना भी फायदेमंद होगा.
शेलफिश (Shellfish) को पकाने से पहले नमक और पानी में डालकर रखते हैं. नमक डायबिटीज में नुकसानदायक है. नमक के बजाए इसमें तेजपत्ते डाल सकते हैं, ये फायदा भी पहुंचाता है और टेस्ट भी बढ़ाता है.
टूना (Tuna) एक पॉपुलर सीफूड है, इसे लंबे वक्त के लिए फ्रिज में प्रिजर्व जा सकता है. टूना को आमतौर पर तेल में रखा जाता है. जिससे इसमें भारी मात्रा में फैट चला जाता है, लेकिन डायबिटीज के मरीज को टूना खाने के लिए इसे तेल की बजाय पानी में स्टोर करके रखना चाहिए ऐसा करने से टूना की एक्सट्रा कैलोरीज हट जाती हैं.और बांकि जरुरी न्यूट्रिएंट्स बचे रह जाते हैं.
झींगा (Shrimp) मछली में कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है. हालांकि इसमें फैट कम होता है जिसकी वजह से डायबिटीज के मरीज हफ्ते में एक बार झींगा खा सकते हैं. लेकिन इसे कम तेल में ही पकाना चाहिए,नहीं तो ये नुकसान पहु्ंचाएगा.
तिलापिया (Tilapia) में फैट कम और प्रोटीन ज्यादा होता है. बनाते वक्त कम तेल का इस्तेमाल करें, सादा बर्तन के बजाय नॉनस्टिक पैन या कढ़ाई का उपयोग कर बनाएं. इसमें कम तेल लगता है. आप ओवर फैट से बच सकते हैं.
कॉड (Cod) मछली आकार में मोटी होती है. डायबिटीज के मरीज के लिए बनाते वक्त नमक और शक्कर का उपयोग कम करना चाहिए, वरना फायदे की जगह नुकसान हो जाएगा.
ट्राउट (Trout) में भी ओमेगा-3 और फैटी एसिड उच्च मात्रा में होते हैं.ट्राउट को बनाने में कम नमक इस्तेमाल करें. टेस्ट बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटी का उपयोग कर सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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