How To Conceive Boy: ज्यादातर लोगों को लगता है कि बेटा या बेटी पैदा करना औरत के कंट्रोल में होता है. जिसके कारण आज भी घरों में बेटे की जगह बेटी होने पर और को यातनाओं प्रताड़ना सामना करना पड़ता है. ऐसी एक घटना के बारे में आप इस लेख में जान सकते हैं. साथ ही रिलेशनशिप कोच से ऐसे में मामलों में क्या करना चाहिए यह भी जान सकते हैं.
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कहने के लिए आज हम एक मोर्डन सोसायटी बन रहे हैं लेकिन इसमें आज भी छोटी मानसिकता का असर साफ दिखता है. आज भी बेटों को बेटियों से ज्यादा मान सम्मान मिलता है. शादी के बाद ससुराल में भी एक लड़की से सब बेटा पैदा करने की ही उम्मीद रखते हैं.
लिव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, केरल के कोल्लम जिले में रहने वाले एक परिवार ने तो हद ही कर दिया. जब उनकी बहू शादी करके घर आयी तो उसको उसी दिन लड़का पैदा करने सटीक तरीका और समय बता दिया गया, ताकि गलती से भी घर में बेटी पैदा ना हो. लेकिन दो साल बाद बहू ने बेटी को जन्म दिया तो उसे पति समेत ससुराल वाले टॉर्चर करने लगे. जिससे तंग आकर 39 साल की युवती को कोर्ट के सामने गुहार लगानी पड़ी. किसी औरत का अपने ससुराल में परेशान किया जाना कोई नयी बात नहीं है, इसलिए इसके खिलाफ सही कदम वक्त पर उठाना बहुत जरूरी होता है. (तस्वीर सांकेतिक है.)
रिलेशनशिप कोच की सलाह
प्रिडिक्शन्स फॉर सक्सेस के संस्थापक और रिलेशनशिप कोच विशाल भारद्वाज बताते हैं कि ससुराल में दिक्कतें आना आम बात है, इससे आपसी बातचीत से दूर किया जा सकता है. किसी भी रिश्ते को लंबा चलाने के लिए एक-दूसरे की गलतियों को माफ करके आगे बढ़ना जरूरी होता है. लेकिन जहां बात टॉर्चर करने की आती है तो समय पर इसके खिलाफ आवाज उठाना आवश्यक हो जाता है.
स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर उठाएं ये कदम
रिलेशनशिप एक्सपर्ट के अनुसार, यदि किसी महिला के साथ उसका पति या ससुराल में गलत व्यवहार हो रहा है तो पहले आदरपूर्ण तरीके से बात करके इस समस्या को हल करने की कोशिश करें. यदि मामला इससे ना सुधरे या स्थिति और गंभीर होते जाए इसके लिए कानून की मदद लें.
कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए ऐसे करें खुद को तैयार
एक्सपर्ट की मानें तो एफआईआर करने से पहले खुद पर किए टॉर्चर के सबूत इकट्ठा कर लें. इससे आपको अपने सच को साबित करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा किसी भरोसेमंद व्यक्ति को अपने साथ जरूर रखें, जो आपको कोर्ट कचहरी के दाव पेंच समझने में मदद करे, यह आपकी आपकी सुरक्षा के लिए भी जरूरी है. इसके बाद वकील से मिलकर मुकदमा की कार्यवाही शुरू करें.