Cancer And Depression: कैंसर के दौरान पेनफुल ट्रीटमेंट इंसान को अंदरूनी तौर पर तोड़कर रख सकता है, ऐसे में डिप्रेशन से बचना बेहद जरूरी हो जाता है, लेकिन इसका तरीका आपको पता होना चाहिए.
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How Cancer Patient Can Fight Depression: कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी इंसान की जिंदगी मुश्किल बना देती है. इसमें फिजिकल चैलेंज तो होता ही है, साथ ही इमोशनल स्ट्रगल भी फेस करना बड़ा है. कैंसर का इलाज इतना पीड़ादयक हो सकता है जिसके कारण डिप्रेशन होना लाजमी है. फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम की सीनियक कंसल्टेंट (मेडिकल ऑन्कोलॉजी) डॉ. सुमन एस कारंत (Dr. Suman S Karanth) के मुताबिक अगर मरीज कुछ सेल्फ केयर एक्टिविटीज पर ध्यान दें तो इस चुनौती से भरी स्थिति में मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाया जा सकता है.
कैंसर रोगियों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपाय
1. माइंडफुलनेस और मेडिटेशन (Mindfulness and Meditation)
डेली रूटीन में माइंडफुलनेस तकनीकों और मेडिटेशन को शामिल करने से कैंसर रोगियों को स्ट्रेस को मैनेज करने और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है. माइंडफुल ब्रीदिंग और गाइडेड मेडिकेशन एक्सरसाइज से रिलैक्सेशन और इमोशनल बायलैंस को बढ़ावा मिलता है.
2. फिजिकल एक्टिविटी (Physical Activity)
हालांकि फिजिकल एक्टिविटी की लिमिट पेशेंट के मेडिकल कंडीशन के आधार पर अलग-अलग हो सकती है, लेकिन टहलने या योग जैसे हल्के व्यायाम का मूड पर पॉजिटिव असर पड़ सकता है. शारीरिक गतिविधि एंडोर्फिन छोड़ती है, जो कि सुख की भावना बढ़ाने के लिए जानी जाती हैं.
3. एक्सप्रेसिव राइटिंग (Expressive Writing)
कैंसर के मरीजों को लेखन के माध्यम से अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करना फायदेमंद हो सकता है. जर्नलिंग उन्हें अपनी फीलिंग को प्रॉसेस करने, इनसाइट गेन करने और अपनी चुनौतियों का सामना करने में सशक्तिकरण की भावना पैदा करने में मदद करता है.
4. आर्ट थेरेपी (Art Therapy)
ड्राइंग, पेंटिंग या क्राफ्टिंग जैसी क्रिए में शामिल होना आत्म-अभिव्यक्ति के लिए एक आउटलेट प्रदान करता है. आर्ट थेरेपी को तनाव कम करने, भावनात्मक लचीलेपन को बढ़ाने और कैंसर उपचार की कठिनाइयों से पॉजिटिव डिस्ट्रैक्शन में मददगार माना जाता है.
5. सोशल कनेक्शन (Social Connection)
इमोशनल सपोर्ट के लिए सामाजिक संबंध बनाए रखना जरूरी है. चाहे आमने-सामने की बातचीत के जरिए हो या वर्चुअल कम्यूनिकेशन के माध्यम से, अपने करीबियों के साथ जुड़े रहने से अलगाव की भावना का मुकाबला करने और एक जुड़ाव की भावना प्रदान करने में मदद मिलती है.
6. रिलैक्सेशन टेक्निक्स (Relaxation Techniques)
गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज या प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन जैसी विरिलैक्सेशन टेक्निक्स को सीखना और अभ्यास करना कैंसर रोगियों को एंग्जाइटी को रोकने और शांत की भावना को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है.
7. न्यूट्रीशन (Nutrition)
ओवरऑल हेल्थ के लिए एक संतुलित आहार आवश्यक है और मूड को प्रभावित कर सकता है. शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का समर्थन करने वाले न्यूट्रीशनल प्लान बनाने के लिए हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के साथ काम करना जरूरी है.
8. सपोर्ट ग्रुप्स (Support Groups)
कैंसर सपोर्ट ग्रुप्स में हिस्सा लेने से लोगों को अनुभव साझा करने, प्रोत्साहन प्राप्त करने और समान चुनौतियों का सामना करने वाले अन्य लोगों से इनसाइट हासिल करना का मौका मिलता है. ऐसे समुदाय के साथ जुड़ना जो उनकी यात्रा को समझता है, बेहद फायदेमंद हो सकता है.
9. सेल्फ कंपैशन प्रैक्टिसेज (Self-Compassion Practices)
मेंटल हेल्थ के लिए सेल्फ कंपैशन बेहद जरूरी है. कैंसर रोगियों को खुद के प्रति दयालु होने, अपनी भावनाओं को स्वीकार करने और जरूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करना सकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा देता है.
10. रूटीन तैयार करना (Establishing Routine)
एक डेली रूटीन को तैयार करना और पूर्वानुमान प्रदान करती है, जो अनिश्चित समय के दौरान सुखदायक हो सकती है. रेग्युलर स्लीप पैटर्न और प्रोपर मील टाइमिंग जैसी सरल आदतें स्थिरता की भावना में योगदान करती हैं.