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Airplane Horns: जब भी हम सड़कों पर चलते हैं तो कई तरह की दिक्कतों से जूझते हैं. लिहाजा इनमें जाम की समस्या, हॉर्न का परेशान करने वाला शोर आदि होते हैं. दिक्कतों के बाबजूद भी हॉर्न गाड़ियों के लिए एक जरूरी टूल माना जाता है. ऐसे में लोग इससे छुटकारा पाने के लिए सोचते हैं कि हवा में सफर करते तो इस हॉर्न के शोर से तो बच जाते.
ऐसे में यहां ये जान लेना जरूरी होता है कि क्या हवाई जहाज का सफर बिना शोर के गुजर जाता है? जवाब है नहीं. हवाई जहाज की यात्रा में भी कई तरह की दिक्कतें आती हैं. आप शायद यह सुनकर चौंक जाएंगे कि हवाई जहाज में भी हॉर्न लगा होता है. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
दरअसल हवाई जहाज में दिए गए हॉर्न का इस्तेमाल ग्राउंड इंजीनियर और स्टाफ से संपर्क साधने और उन्हें किसी खतरे से सावधान करने के लिए किया जाता है. अगर उड़ान से पहले हवाई जहाज में कोई खराबी आ जाए या कोई इमरजेंसी की स्थिति बन जाए तो प्लेन के अंदर बैठे पायलट या इंजीनियर इस हॉर्न को बजाकर ग्राउंड इंजीनियर को अलर्ट मैसेज भेजते हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस हॉर्न का बटन प्लेन के कॉकपिट पर होता है. यह कॉकपिट के कंट्रोल में अन्य बटनों की तरह ही होता है, जिसके कारण इसे ढूंढना मुश्किल होता है. इस बटन के ऊपर 'जीएनडी' (ग्राउंड) लिखा होता है. इस बटन को दबाने पर हवाई जहाज का अलर्ट सिस्टम चालू हो जाता है और साइरन जैसी आवाज निकलती है. हवाई जहाज में हॉर्न लैंडिंग गियर के कम्पार्टमेंट में लगा होता है.
गौर करने वाली बात यह है कि हवाई जहाज में ऑटोमैटिक हॉर्न भी लगे होते हैं जो सिस्टम में खराबी आने से या फिर आग लग जाने पर अपने आप ही बजने लगते हैं. खास बात यह है कि इन हॉर्न की आवाज भी अलग-अलग होती है जो विभिन्न सिस्टम में आई खराबी के अनुसार अलग-अलग आवाज में बजती है. इससे एयरक्राफ्ट इंजीनियर यह पता लगा पाते हैं कि जहाज के किस हिस्से में खराबी आई है.
उड़ान भरते समय पायलट हॉर्न नहीं बजा सकता है क्योंकि उस वक्त जहाज का वार्निंग सिस्टम बंद कर दिया जाता है।